आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक का दावा
नयी दिल्ली (एजेंसी)। पिछले 7 दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोनावायरस को लेकर आईआईटी कानपुर ने एक मैथमेटिकल स्टडी की है। जिसके आधार पर उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला है कि मई के पहले हफ्ते में कोरोनावायरस पीक पर था और अब उसकी रफ्तार घटने लगेगी।
इसके लिए आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने गणितीय मॉडल सूत्र का इस्तेमाल किया है। वैज्ञानिकों का यह भी दावा है कि महाराष्ट्र में कोरोनावायरस अब पीक पर पहुंच चुका है। अब उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात और पश्चिम बंगाल में भी कोरोना के मामले अपने पीक पर पहुंच जाएंगे और फिर उसके बाद घटने लगेंगे।
क्या रैलियों और कुंभ की वजह से देश में कोरोनावायरस बढ़ा है? इसके जवाब में आईआईटी के प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल का मानना है कि कोरोना सब से ज्यादा महाराष्ट्र और दिल्ली में देखा गया है। इन दोनों जगहों पर न रैलियां थी और न ही कुंभ, इसलिए कोरोनावायरस में चढ़ाव की यह वजह नहीं हो सकती।
आईआईटी की स्टडी के मुताबिक पीक पर पहुंचने पर उत्तर प्रदेश में रोजाना 35 हजार केस, दिल्ली में 30 हजार, पश्चिम बंगाल में 11000, राजस्थान में 10 हजार और बिहार में 9 हजार केस आ सकते हैं। उसके बाद वायरस के मामले पीक पार कर जाएंगे।
कानपुर आईआईटी के प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल ने दावा किया है कि जुलाई में कोरोना की दूसरी लहर खत्म हो जाएगी। हालांकि कोरोना का डेटा एनालिसिस करने पर पता चला है कि अक्टूबर से ही तीसरी लहर भी शुरू हो जाएगी। इस स्टडी में यह पता नहीं चल पाया है कि तीसरी लहर कितनी बड़ी और भयावह होगी।
वे बताते हैं कि देश में दूसरी लहर के पीक का समय अब आगे बढ़ गया है। अब ये पीक 10-15 मई के बजाय अगले एक से दो हफ्ते आगे शिफ्ट होता दिख रहा है। ओडिशा, असम और पंजाब में पीक का समय कुछ साफ नहीं हो पाया है। इसके लिए कुछ इंतजार करना पड़ेगा। दिल्ली और मध्यप्रदेश में पीक आ चुका है, जबकि हरियाणा में पीक का समय आगे बढ़ गया है।
उन्होंने केंद्र सरकार को आगाह किया कि अगर कोरोना की तीसरी लहर के असर को कम करना है तो कई तरीके इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए सितंबर-अक्टूबर तक देश की ज्यादा से ज्यादा आबादी को वैक्सीन लगाई जाए। नए वेरिएंट्स की जल्द पहचान कर उन्हें रोका जाए। देश में कोरोना की ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट पर ज्यादा फोकस किया जाए।