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कोरोना पर पीएम मोदी की मीटिंग पर भड़कीं ममता बनर्जी, केंद्र सरकार पर लगाया बड़ा आरोप


  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कहर के बीच 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और इन राज्यों के 54 कलेक्टरों से संवाद किया। हालांकि, इस मीटिंग में पश्चिम बंगाल से कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था। उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक संपन्न होने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक प्रेस वार्ता कर केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर आरोपों की बारिश कर दी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दावा किया कि पीएम द्वारा आहूत बैठकों में राज्यों को बोलने नहीं दिया जाता। ममता बनर्जी ने अपने समकक्ष मुख्यमंत्रियों से आह्वान किया कि उन्हें इसका विरोध करना चाहिए।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जब राज्यों को बोलने की इजाजत नहीं थी तो उन्हें क्यों बुलाया गया। बोलने की इजाजत नहीं दिए जाने पर सभी मुख्यमंत्रियों को विरोध करना चाहिए। ममता ने दावा किया कि मीटिंग में 10 राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे। बतौर मुख्यमंत्री मैं जब मीटिंग में थी तो मैंने जिलाधिकारी को नहीं शामिल होने दिया। सीएम ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि मीटिंग में केवल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ मुख्यमंत्रियों और पीएम मोदी ने अपनी बात रखी है। हमें नहीं बोलने दिया गया। बाकी सभी मुख्यमंत्री चुप बैठे रहे। किसी ने कुछ नहीं कहा।

खबरों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि उन्हें कोरोना वैक्सीन के संदर्भ में बोलना था। पर उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि कोरोना वायरस कम हो रहा है। लेकिन पहले भी ऐसा ही कहा गया था। हम 3 करोड़ कोरोना वैक्सीन की मांग रखने वाले थे, पर हमें कुछ भी कहने नहीं दिया गया। हमें इस महीने लगभग 24 लाख कोरोना वैक्सीन मिलनी थी, लेकिन 13 लाख कोरोना वैक्सीन ही मिली। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगे कहा कि हमें रेमेडिसिविर भी नहीं दी गई और पीएम मोदी मुंह छिपा कर भाग गए। केंद्र सरकार ने देश के संघीय ढांचे का नुकसान किया है।