पटना

जनसहयोग से ही दूर होंगी सामाजिक बुराइयां : नीतीश


कोरोना से मरने पर 4 लाख की सहायता देने वाला बिहार पहला राज्य

      • बेगूसराय में समाज सुधार यात्रा में हुए शामिल

बेगूसराय (आससे)। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार राज्य में पूर्ण नशामुक्ति, दहेज प्रथा उन्मूलन एवं बाल विवाह से मुक्ति हेतु औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान पनहास, बेगूसराय में आयोजित समाज सुधार अभियान में शामिल हुए। इस अवसर पर आयोजित जनसभा का दीप प्रज्ज्वलन कर मुख्यमंत्री ने विधिवत शुभारंभ किया। आयुक्त मुंगेर प्रमंडल श्री प्रेम सिंह मीणा ने मुख्यमंत्री को पौधा भेंटकर, जबकि जिलाधिकारी बेगूसराय श्री अरविंद कुमार वर्मा एवं जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री बाला मुरुगन डी० ने स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत किया। स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं नेताओं ने मुख्यमंत्री को फूलों की बड़ी माला पहनाकर अभिनंदन किया। जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री के आगमन पर स्वागत गान प्रस्तुत किया। जीविका दीदी श्रीमती अरुणा देवी द्वारा लिखित दहेज उन्मूलन एवं नशामुक्त समाज पर आधारित गीत को जनसभा में जीविका दीदियों ने प्रस्तुत किया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम जो कहते हैं वह करते हैं, नौ जुलाई 2015 को महिलाओं की मांग पर हमने कहा था कि फिर से सरकार में आएंगे तो शराबबंदी करेंगे और सरकार में आते ही एक अप्रैल 2016 से हमने शराब बंदी लागू किया। 90 प्रतिशत लोगों ने इस अभियान को माना, लेकिन दस प्रतिशत लोग सब जगह होते हैं, जो कभी ठीक नहीं हो सकते। 1977 में मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने शराब बंदी लागू किया था, लेकिन दो साल बाद ही उस कानून को भंग कर दिया गया।

पिछले साल जहरीली शराब से मौत शुरू होने पर हमने बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है, कोई दारू पिएगा तो मरेगा ही। अपने समाज सुधार अभियान के नौवीं सभा को संबोधित करते हुए शनिवार को आईटीआई मैदान बेगूसराय में नीतीश कुमार ने कहा कि हमने 2016 में शराबबंदी किया, 2018 में डब्ल्यूएचओ ने सर्वेक्षण कराया। जिसमें स्पष्ट हो गया कि दुनिया में सिर्फ एक साल में शराब से तीस लाख लोगों की मौत हुई। दो-ढाई साल से देश में दुनिया में कोरोना कहर बरपा रहा है, जिसमें अब तक करीब 24 लाख लोग मरे हैं, जबकि सिर्फ शराब से एक साल में तीस लाख मौत हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में 5.3 प्रतिशत लोगों की मौत शराब से होती है, 20 से 39 उम्र वर्ग के 13.5 प्रतिशत लोगों की मौत शराब से होती है, यह दो सौ से अधिक गंभीर बीमारियों को जन्म देता है। शराब के कारण दुनिया भर में 18 प्रतिशत लोग आत्महत्या करते हैं, 27 प्रतिशत सड़क हादसा शराब के कारण होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज सुधार अभियान का तीन पक्ष है और तीनों पक्ष को हर घर तक पहुंचाना है। कुछ लोग राष्ट्रपिता को भूल गए, लेकिन हम उनकी बात को लागू कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि शराब ना सिर्फ पैसा छीन लेती है, बल्कि बुद्धि भी हर लेता है, दारू पीते ही लोग हैरान हो जाते हैं, यह परिवार, समाज और देश सबका नाश करता है। कुछ लोग बहुत काबिल हैं, वह डब्ल्यूएचओ से भी अधिक जानते हैं।

कोरोना काल में हमने लोगों की हर तरह से सहायता की, बिहार पहला राज्य बना जहां कोरोना से मरने पर चार लाख की सहायता दी गई। 2018 में शुरू जीविकोपार्जन के माध्यम से लोगों की मदद की जा रही है, महिला विकास महिलाओं का उत्थान के साथ विकास हो रहा है। हमने साइकिल योजना शुरू किया तो यह एक सामाजिक अभियान बन गया और देश विदेश का अंगूठा अभियान हुआ। कुछ लोगों को मौका मिला तो उन्होंने अपने परिवार की महिलाओं को बड़ा पद दिया, लेकिन हमने आम महिलाओं और महिलाओं को आरक्षण देकर आगे बढ़ाया, उन्हें आरक्षण दिया, इज्जत दिलाया।

विश्व बैंक से कर्ज लेकर सेल्फ हेल्प ग्रुप को आगे बढ़ाया, समूह बनाया तो बिहार देश में सबसे आगे बढ़ गया और केंद्र ने आजीविका के नाम से इसे लागू किया। आज बिहार में दस लाख 38 हजार समूह बन चुका है, एक करोड़ 27 लाख महिलाएं इससे जुड़ी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने लोगों से शराबबंदी अभियान, दहेज प्रथा उन्मूलन अभियान एवं बाल विवाह उन्मूलन को सफल बनाने की अपील करते हुए इसके तमाम पहलुओं पर विस्तार से चर्चा किया। विकास की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 11 फरवरी 2022 को मुंगेर पुल का लोकार्पण कर उसका नाम बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह के नाम पर रखा गया। अगुवानी घाट और सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर इस साल फोरलेन पुल बनकर तैयार हो जाएगा। पुल के बगल से लोग गंगा में डॉल्फिन देखेंगे। सिमरिया में गंगा नदी पर बिहार का पहला पुल बना था और अब सिक्स लेन समानांतर पुल बन रहा है, केंद्र सरकार को इसके लिए बधाई।

मुख्यमंत्री ने महिलाओं के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। समारोह को संबोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि मद्य निषेध लागू कराने के दौरान नौ लोगों को फांसी, दस लोगों को उम्रकैद तथा 850 लोगों को अन्य तरह की सजा हुई है। दहेज प्रथा और महिला उत्पीड़न पर काबू पाने के लिए बिहार में 40 महिला थाना खोला गया, पांच सौ महिला हेल्प डेस्क और 250 महिला परामर्शी नियुक्त किए जा रहे हैं। 2015 से 2021 तक महिला प्रताड़ना में 70 प्रतिशत की कमी आई है, प्रताड़ना में 36 प्रतिशत और घरेलू हिंसा में 53 प्रतिशत कमी आई है। पॉक्सो एक्ट में एक साल में चार लोगों को फांसी दी गई, 74 लोगों को आजीवन कारावास की सजा तथा 134 लोगों को जेल भेजा गया है।

मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एस. सिद्धार्थ ने कहा कि शराब सामाजिक बुराई है, शराबबंदी के लिए शासन प्रशासन कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बेगूसराय जिला काफी तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है, शुक्रवार को जारी आर्थिक सर्वेक्षण में पटना के बाद बेगूसराय प्रति व्यक्ति आय में दूसरे पायदान पर है। बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव एवं बेगूसराय के प्रभारी सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा कि समाज सुधार बड़ी चुनौती है, जन सहयोग से सामाजिक बुराई कई देश से हटाई गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयास से बदलाव दिख रहा है और यह कुरीति भी हटाई जाएगी। पुलिस महानिदेशक एस. के. सिंघल ने कहा कि नशा मुक्त, दहेज मुक्त, बाल विवाह मुक्त समाज ही विकसित हो सकता है। पुलिसकर्मी जीविका दीदियों की मदद करें तो वह काफी आगे बढ़ेगी, सरकार रूल ऑफ लॉ को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार सरकार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि 15 साल में नीतीश कुमार के नेतृत्व में कई बड़े अभियान चलाए गए हैं, जिसे इतिहास में स्वर्णाक्षर से लिखा जाएगा। शराब काफी खतरनाक है, मार्च से नीरा उत्पादन योजना शुरू हो रही है, बेगूसराय में इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन होगा। समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी एवं मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने बिहार की तस्वीर और बिहारियों की तकदीर बदल दी है। बिहार विकसित हो रहा है, कुछ लोग अनर्गल बयान दे रहे हैं, जहरीली शराब से मौत का शराब बंदी से कोई रिश्ता नहीं है, बिहार में 2016 में शराबबंदी हुआ इससे पहले भी तमाम राज्यों में मौत की खबर आ रही है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सतत जीविकोपार्जन योजना के 1875 हितग्राहियों के बीच तीन करोड़ 42 लाख, 7348, स्वयं सहायता समूह के बीच 257 करोड़ 27 लाख, कैश क्रेडिट, जल जीवन हरियाली के तहत 20 जलाशय के लिए 22 लाख 40 हजार तथा जिविका संगठन को कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए दो करोड़ 30 लाख तथा अंतरजातीय विवाह योजना के दो लाभार्थी को प्रोत्साहन के लिए दो लाख रूपए का सांकेतिक चेक सौंपा।