Post Views: 1,168 विष्णुगुप्त चीनमें जनताकी सहभागिता होती ही नहीं है, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होती नहीं है। मानवाधिकार की बात करने वाले लोग मार दिये जाते है या फिर अनंतकालतक जेलोंमें डाल दिये जाते हैं। वहांकी जेलें घोर अमानवीय होती हैं। एक रिपोर्टमें कहा गया है कि चीन उईगर मुसलमानोंका जनसांख्यिकीय नरसंहार कर रहा है। […]
Post Views: 884 डा. भरत झुनझुनवाला संविधानके निर्माताओंने कल्याणकारी राज्यकी कल्पना की थी। यह कहनेकी जरूरत नहीं कि जनकल्याण हासिल करनेके लिए सरकारी कर्मियोंकी नियुक्ति करनी ही होगी। जैसे हाईवे बनवानेके लिए अथवा सार्वजनिक वितरण प्रणालीको लागू करनेके लिए सरकारी कर्मियोंकी नियुक्ति करना आवश्यक होता ही है। सोच है कि सरकारी कर्मी अपने कार्योंका निष्ठापूर्वक […]
Post Views: 478 योगेश कुमार गोयल वैशाख मासकी पूर्णिमाको बुद्ध पूर्णिमाके रूपमें मनाया जाता है। वैशाख मासकी पूर्णिमाको गौतम बुद्धका जन्म हुआ और उन्होंने बोधिवृक्षके नीचे बुद्धत्व प्राप्त किया। यही वजह है कि बुद्ध पूर्णिमाको पवित्र दिन माना गया है। मान्यता है कि गौतम बुद्धने ही आजसे करीब ढाई हजार वर्ष पूर्व बौद्ध धर्मकी स्थापना […]