Post Views: 658 सुदर्शन सोलंकी प्राचीन समयसे भारत देशकी भूमिका अधिकांश हिस्सा उन्नत एवं उपजाऊ था। बावजूद इसके जब किसानों द्वारा अधिक फसल उत्पादनके लिए रासायनिक उर्वरकोंका अधिकाधिक प्रयोग किया जाने लगा तो फसल उत्पादन तो बढ़ गया, किन्तु मृदा अनुपाजाऊ होकर बंजर भूमिमें बदलने लगी है। अखिल भारतीय समन्वित शोध परियोजनाके तहत नियत स्थानपर […]
Post Views: 568 हृदयनारायण दीक्षित व्यक्ति असाधारण संरचना है। शरीर प्रत्यक्ष है। अंत:करण अप्रत्यक्ष है। हमारे कर्म तप भौतिक हैं। इनके प्रेरक तत्व हमारे भीतर हैं। इसकी वाह्य गतिविधि दिखाई पड़ती है। जब हर्ष, उल्लास दुख-सुखके भाव बाहर प्रकट होते हैं। भारतके मनीषियों एवं चिन्तकोंने अंत:करणके उल्लास-संवद्र्धनके लिए अनेक उपाय खोजे हैं। ईश्वरका आनन्ददाता कहा […]
Post Views: 715 देशमें कोरोना वायरसकी दूसरी लहरकी गति अब धीरे-धीरे थमने लगी है। मौतकी संख्यामें कमी आयी है। सक्रिय मामलोंमें भी बड़ी संख्यामें गिरावट राहतकारी संकेत है। गुरुवारको केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालयकी ओरसे जारी आंकड़ोंके अनुसार नये मामलोंमें कुछ वृद्धि हुई है लेकिन ठीक होनेवालोंकी संख्यामें निरन्तर वृद्धि हो रही है। पिछले २४ घण्टोंके दौरान […]