Latest News अन्तर्राष्ट्रीय

क्या है नेपाल-अमेरिका समझौता? इस करार को लेकर क्‍यों उठा है सियासी भूचाल


नई दिल्‍ली, । नेपाल इन दिनों अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर सुर्खियों में है। अमेरिका के एक सहायता कार्यक्रम ने भारी राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया है। अमेरिका के मिलेनियम चैलेंज कार्यक्रम के तहत नेपाल को 50 करोड़ डालर मिलने हैं। इसको लेकर नेपाल में सियासी पारा गरम हो गया है। नेपाल में सरकार में सहयोगी दल और विपक्षी पार्टियां इससे जुड़े समझौते के मौजूदा स्‍वरूप के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि समझौता में संशोधन होना चाहिए, क्‍योंकि इसके कुछ प्रावधानों से नेपाल की संप्रभुता को खतरा हो सकता है। खास बात यह है कि अमेरिका और नेपाल के इस समझौते को संसद का समर्थन जरूरी है, लेक‍िन राजनीति दलों और आम जनता के विरोध की वजह से इसका भविष्‍य अधर में लटका हुआ है।

मिलेनियम चैलेंज कारपोरेशन को लेकर गठबंधन में दरार

1- प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि मिलेनियम चैलेंज कारपोरेशन को लेकर नेपाल में सत्‍ताधारी गठबंधन में ही गंभीर मतभेद उभर आए हैं। सरकार में शामिल नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) व एकीकृत समाजवादी पार्टी जैसी पार्टियां समझौते के मौजूदा स्वरूप को संसद से मंजूरी दिलाने के खिलाफ हैं। कम्‍युनिस्‍ट पार्टी का कहना है कि इस समझौते में ऐसे प्रावधान हैं, जो राष्ट्रीय हितों के प्रतिकूल हैं। कुछ अमेरिकी अधिकारियों के बयानों से भी इस समझौते को लेकर भ्रम की स्थिति उत्‍पन्‍न हुई है। इन अधिकारियों का कहना था कि यह समझौता अमरीका की इंडो-पैसिफ‍िक रणनीति के पक्ष में है। हालांकि, बाद में उन्होंने इससे इनकार किया।