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खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट शुरू, प्रमुख ब्रांडों ने की 10 से 15 रुपये प्रति लीटर की कटौती


नई दिल्ली, । खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने बुधवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय कीमतों में नरमी और सरकार के समय पर दखल देने से खुदरा बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट शुरू हो गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पैकेट बंद खाद्य तेलों की कीमत में इस महीने की शुरुआत से ही कमी आनी शुरू हो गई थी और अब इनकी कीमत 150 रुपये से 190 रुपये प्रति किलो के आसपास बनी हुई है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत अब तक 30 लाख टन गेहूं का निर्यात कर चुका है। साथ ही सरकार कुछ अन्य देशों के गेहूं आपूर्ति के आग्रह पर विचार कर रही है। बीते सप्ताह अदाणी विल्मर और मदर डेयरी ने विभिन्न खाद्य तेल की एमआरपी में 10 से 15 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। दोनों कंपनियों ने कहा था कि नई एमआरपी वाले पैकेट जल्द ही बाजार में आ जाएंगे।

पांडे ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार के समय पर हस्तक्षेप और वैश्विक विकास के कारण खाद्य तेलों की कीमतों में रुझान बहुत सकारात्मक है। खाद्य तेल, खुदरा गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतें स्थिर हैं। उन्होंने कहा कि घरेलू कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए सरकारी नियम उपयोगी रहे हैं। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रमुख खाद्य तेल ब्रांडों ने एमआरपी को चरणबद्ध तरीके से कम किया है और हाल ही में उन्होंने कीमतों में 10-15 रुपये प्रति लीटर की कटौती की है।

उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, मूंगफली तेल (पैक) की औसत खुदरा कीमत 21 जून को 188.14 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि 1 जून को यह 186.43 रुपये प्रति किलोग्राम थी। सरसों के तेल की कीमत 21 जून को मामूली घटकर 180.85 रुपये प्रति लीटर हो गई है, जो 1 जून को 183.68 रुपये प्रति किलो. थी। वहीं, वनस्पति तेल की कीमत 165 रुपये प्रति किलो है। सोया तेल की कीमत 169.65 रुपये से मामूली घटकर 167.67 रुपये हो गई, जबकि सूरजमुखी की कीमत 193 रुपये प्रति किलो से थोड़ी कम 189.99 रुपये हो गई। पाम तेल का भाव 21 जून को घटकर 152.52 रुपये प्रति किलो पर आ गया, जो 1 जून को 156.4 रुपये प्रति किलो था।