पटना

गया में माओवादियों की क्रूरता, एक ही परिवार के चार लोगों को फांसी से लटका उतारा मौत के घाट


घर को बम विस्फोट कर उड़या, एसएसपी आदित्य कुमार ने कहा पुलिस कर रही आगे की कार्रवाई

गया। शनिवार की बीती रात बिहार के गया जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र डुमरिया थाना अंतर्गत मोनबार जंगल से सटे गांव में भाकपा माओवादियों के जत्थे ने एक घर में घूसकर एक ही परिवार के चार सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया है। मृतकों में दो सगे भाई और उनकी पत्नियां शामिल हैं।

घटना को अंजाम देने के बाद सभी माओवादी चारों मृतक के शव को घर के बाहर फंदे से लटका दिया। जाते-जाते माओवादियों के जत्थे ने घर को बम लगाकर उड़ा दिया तथा घर के बाहरी दीवार पर एक नक्सली पर्चा चिपकाया है और उस पर्चे में इस परिवार से बदला लेने को लेकर इस परिवार की निर्मम हत्या की बात लिखी गई है।

उस पर्चे में  लिखा है “इंसानियत के हत्यारे, गद्दारों और विश्वासघाती को सज़ा-ए-मौत देने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। ए हमारे भाकपा माओवादी के चार साथियों अमरेश, सीता, शिवपूजन और उदय की हत्या का बदला है। साजिश के तहत हमारे चार साथियों को पूर्व में जहरखुरानी करके मरवाया गया था। वे सभी पुलिस की गोली से एनकाउंटर में नहीं मारे गए थे। हमसे विश्वासघात करने के आरोप में इन चारों की हत्या कर दी गई है।

विश्वासघात और गद्दारी करने वालों को ऐसे हीं सजा दी जाएगी। हमारे साथी अमरेश कुमार, सीता कुमार, शिवपूजन कुमार और उदय कुमार की शहादत बेकार नहीं जाएगी उनकी साजिश के तहत हत्या का बदला लिया गया है। घटना के बाद पूरे गांव में दहशत व्याप्त है लोग माओवादियों की इस खौफनाक घटना के बाद डर से सहमे हुए हैं। पूरे इलाके में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। गौरतलब है कि 15 नवंबर को चुनाव भी होना है ऐसे में माओवादियों की इस घटना के बाद गया-पुलिस प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।

सूचना प्राप्त होते ही पुलिस टीम घटनास्थल पहुंच कर छानबीन कर रही है और पूरे इलाके में कैंप की हुई है। गया पुलिस कप्तान एसएसपी आदित्य कुमार ने बताया पर्चा जन छापाकार सेना, मध्य ज़ोन (झारखंड) के नाम से लगाया गया है। मृतकों में सरयू सिंह भोक्ता के बेटे सत्येंद्र सिंह भोक्ता और महेंद्र सिंह भोक्ता उनकी पत्नियां मनोरमा देवी और सुनीता देवी शामिल हैं।

ग़ौरतलब है कि बीते वर्ष ज़िले के डुमरिया थाना अंतर्गत मोनबार गांव में पुलिस ने एनकाउंटर में चार नक्सलियों को मार गिराया था। उक्त घटना को माओवादियों के नेताओं ने फर्जीवाड़ा बताया था। माओवादी नेताओं का कहना था कि जिस घर में नक्सली ठहरे थे, उस घर के लोग पुलिस से मिलकर पहले खाने में ज़हर देकर मार दिया और फ़िर पुलिस को बुलाकर झूठा एनकाउंटर करवाया। उसी घटना के विरोध में बीती रात इस घटना को अंजाम दिया गया।