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गहलोत सरकार ने अलवर सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने का लिया निर्णय


जयपुर। राजस्थान के अलवर में मूक-बधिर नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित छह दिन बाद भी नहीं पकड़े जा सके हैं। राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने का निर्णय लिया है। इस संबंध में शीघ्र ही केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजी जाएगी। रविवार शाम सीएम ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने पर सहमति जताई। इससे पहले उन्होंने कहा था कि यदि पीड़िता के परिजन किसी विशिष्ट अधिकारी, क्राइम ब्रांच, एसओजी या सीबीआइ से इस मामले की जांच करवाना चाहेंगे तो सरकार इसके लिए तैयार है। घटना के विरोध में भाजपा सोमवार व मंगलवार को राज्य के सभी मण्डलों में धरने व प्रदर्शन करेगी।

एसपी ने लिया फिर यूटर्न

उधर, अलवर की पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने  फिर यूटर्न लेते हुए कहा कि दुष्कर्म की आशंका से इन्कार नहीं किया गया है। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दुष्कर्म की पुष्टि नहीं होने की बात कही गई थी, लेकिन अंतिम निष्कर्ष नहीं था। पुलिस प्रत्येक पहलू की जांच कर रही है। रविवार को सिख समाज के प्रतिनिधि आत्मा सिंह लुबाना और अन्य से मुलाकात के दौरान गौतम ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दुष्कर्म की पुष्टि नहीं होने की बात कही गई थी। गौतम ने दो दिन पहले कहा था कि दुष्कर्म होने की आशंका नहीं लगती है। वहीं, मंगलवार को दुष्कर्म होने की बात कही थी। सिख समाज ने चेतावनी दी कि यदि चार दिन में पुलिस ने जांच कर कोई निष्कर्ष नहीं निकाला तो आंदोलन किया जाएगा। रविवार को उन्होंने कहा कि मैंने चिकित्सकों की रिपोर्ट के आधार पर कहा था कि दुष्कर्म नहीं लग रहा, लेकिन अंतिम निष्कर्ष नहीं दिया था। वहीं, विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) में जांच के लिए नाबालिग की सलवार, खून और पेशाब भेजा गया है। इनकी रिपोर्ट मंगलवार तक आने की उम्मीद है।