एएन कॉलेज में बिहार विभूति अनुग्रह नारायण सिंह की जयंती
(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्यपाल फागू चौहान ने कहा है कि हमारा प्रयास है कि बिहार की शिक्षा गुणवत्तापूर्ण हो। शिक्षकों की भर्ती हेतु राज्य सरकार कार्य कर रही है। शिक्षकों से यह अपेक्षा है कि वह ईमानदारी और निष्ठा से अपने कर्तव्य का निर्वहन करें। यह हमारा दायित्व है कि हम अनुग्रह बाबू के बताये मार्ग पर चलें। राज्यपाल फागू चौहान, जो राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं, शक्रवार को ए.एन. कॉलेज में बिहार विभूति अनुग्रह नारायण सिंह की जयंती के अवसर पर आयोजित अनुग्रह जयंती सह स्थापना दिवस समारोह में जूम एप्प के माध्यम से मुख्य अतिथि के पद से बोल रहे थे।
राज्यपाल श्री चौहान ने कहा कि अनुग्रह बाबू एक लोकप्रिय राजनेता थे। वे अपने छात्र जीवन से ही देश की सेवा के लिए तत्पर रहे। बिहार का शासन को संभालते हुए उन्होंने राज्यहित में कई प्रमुख कार्य कराये। उनके लिए बिहार एक प्रयोगशाला थी। महात्मा गांधी के द्वारा दिए गए सभी दायित्वों का अनुग्रह बाबू ने सफलतापूर्वक निर्वहन किया। मंत्री रहते हुए सभी विभागों का कुशल संचालन किया तथा विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार भी किया। उनके कार्यकाल में राजस्व विकास में बिहार देश में अव्वल था। वह नैतिक मूल्यों के राजनेता थे तथा बिहार के विकास हेतु सदैव तत्पर रहते थे।
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कुलपति कहा कि अनुग्रह बाबू युगद्रष्टा और सृजनकर्ता थे। उन्होंने देश के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए। सभी दानों में विद्यादान सर्वश्रेष्ठ है। इस क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्य हम सभी पर ऋण है। हम इस ऋण से तभी मुक्त हो सकते हैं, जब उनके द्वारा निर्मित शिक्षण संस्थानों की स्थापना के उद्देश्यों को हम सब ईमानदारी और कड़ी मेहनत से साकार कर सकें। उन्होंने कहा कि अनुग्रह बाबू के कार्य चरैवेति-चरैवेति के दर्शन से प्रभावित थे। शिक्षकों का यह धर्म होना चाहिये कि विद्यार्थियों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करें कि जीवन में गहन अध्ययन के माध्यम से किसी भी ऊंचाई को प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने ए.एन. कॉलेज को लगातार तीन बार नैक में ए ग्रेड तथा सीपीई स्टेटस प्राप्त करने की बधाई दी। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय को ऑटोनॉमस हेतु प्रयास करना चाहिये। सके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से हर संभव मदद करेगा। प्रधानाचार्य प्रोफेसर एस.पी. शाही ने कहा कि महाविद्यालय प्रगति के पथ पर अग्रसर है। कोरोना संक्रमण के समय में महाविद्यालय की आइक्यूएसी की टीम तथा सभी शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों के प्रयास से अकादमिक गतिविधियां अनवरत जारी है। स्टूडेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम, क्विज, कोर्सएरा, आईआईआरएस-इसरो के कोर्सेज विद्यार्थी हित में चलाए जा रहे हैं।
महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका ‘अनुग्रह ज्योति’ का भी विमोचन किया गया। पत्रिका की सम्पादक डॉ. रत्ना अमृत ने कहा कि बिहार विभूति डॉ. अनुग्रह नारायण सिंह के भावों, विचारों और अनुभूतियों को अनुग्रह ज्योति पत्रिका प्रतिबिंबित करती है। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर कलानाथ मिश्र ने किया। आईक्यूएसी के समन्वयक डॉ. अरुण कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर रूसा के उपाध्यक्ष डॉ. कामेश्वर झा, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी एवं प्रोफेसर तपन शांडिल्य सहित विभिन्न महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य, शिक्षक, विद्यार्थीगण तथा कर्मचारी उपस्थित रहे।