- नयी दिल्ली, एक जून केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच विवाद तब और गहरा गया जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को आपदा प्रबंधन अधिनियम के कड़े प्रावधान के तहत ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया जिसमें दो साल तक की कैद हो सकती है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा सोमवार को बंदोपाध्याय की सेवानिवृत्ति की घोषणा किए जाने से कुछ घंटे पहले उन्हें आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51-बी के तहत नोटिस भेजा गया।
मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि बंदोपाध्याय से तीन दिन के अंदर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है।
पश्चिम बंगाल काडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी बंदोपाध्याय 60 वर्ष के होने पर सोमवार को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन केंद्र ने उन्हें तीन महीने का कार्य विस्तार दिया था।
इसके बाद, केंद्र ने एक आकस्मिक फैसले में 28 मई को बंदोपाध्याय की सेवाएं मांगी थीं और राज्य सरकार को प्रदेश के शीर्ष नौकरशाह को तत्काल कार्यमुक्त करने को कहा था।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले पर सोमवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखा और बंदोपाध्याय को सेवानिवृत्त होने की अनुमति देने के बाद उन्हें तीन साल के लिए अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त कर दिया।
बंदोपाध्याय को तीन दिन में गृह मंत्रालय को लिखित में यह बताने के लिए कहा गया है कि उनके खिलाफ अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई क्यों न की जाए।
इससे पहले कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने बंदोपाध्याय को सोमवार तक दिल्ली पहुंचने का निर्देश दिया था। हालांकि वह दिल्ली नहीं आए। राज्य और केन्द्र सरकार द्वारा तीन महीने का सेवा विस्तार स्वीकार करने के बजाय उन्होंने सेवानिवृत्त होने का फैसला लिया।
नोटिस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि केंद्र पश्चिम बंगाल सरकार से बदला ले रहा है और बंदोपाध्याय को भेजा गया नोटिस ”अवैध” है।