गोरखपुर, राज्यपाल और राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि किसी भी काम का बड़ा होना या छोटा होना उसकी सामाजिक उपयोगिता पर निर्भर करता है। काम अगर बड़ा हो और समाज के लिए उपयोगी ना हो तो छोटा होता है। और अगर काम छोटा हो और समाज के लिए महत्व का हो तो है खुद ब खुद बड़ा हो जाता है। इसको ध्यान में रखते हुए ही इस बार बहुत से ऐसे लोगों को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया है, जो समाजोपयोगी कार्य के चलते देश दुनिया के लिए प्रेरणा का विषय बन सके हैं। राजपाल ने इसे लेकर कुछ उदाहरण भी दिया। राज्यपाल आनंदीबेन बुधवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के 40वें दीक्षा समारोह को बतौर अध्यक्ष संबोधित कर रही थीं।
युवाओं को दहेज से दूर रहने की दी नसीहत
राजपाल ने शिक्षकों से अपील की कि वह बच्चों को उन स्थानों का भ्रमण कराएं, जिसे देखकर उनमें आगे बढ़ने की ललक विकसित हो सके। समाज के लिए कुछ कर देने की इच्छा जागृत हो सके। अध्ययन-अध्यापन की यही सार्थकता है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति हमें ऐसा किए जाने का रास्ता दिखाती है। राज्यपाल ने टॉपरों से कहा कि वह गोल्ड मेडल को ले जाकर अपने घर में सजाएं लेकिन किसी से गोल्ड मांगने की हरगिज कोशिश ना करें। यानी दहेज से न केवल खुद दूर रहें बल्कि अन्य युवाओं को भी इसके लिए प्रेरित करें।
गोरखपुर विश्वविद्यालय में इन टापरों को मिला गोल्ड मेडल
बीए (समस्त): मो.इरशाद अली, दीदउ गोरखपुर विवि
बीए (छात्र): समरीन मुशर्रफ, दीदउ गोरखपुर विवि
बीए (हिंदी): कु.ज्योति मिश्रा, बाबू बृज बिहारी सिंह महा.सहजवलिया कुशीनगर
बीजे: निखिल तिवारी, दीदउ गोरखपुर विवि