चंदौली

चंदौली।पुलिस अभिरक्षा में शवों का हुआ अंतिम संस्कार


इलिया। घुरहूपुर गांव में बाढ़ू  तथा चंद्रेश का शव बुधवार की शाम पुलिस अभिरक्षा में दोनों शवों को घर तक पहुंचाया गया। शवों के घर पहुंचते ही ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई। परिजनों के रोते बिलखते एवं करुण क्रंदन की  आवाज से पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया।   इस दौरान एडिशनल एसपी अनिल कुमार, सीओ सदर केपी सिंह सहित जिले के आधा दर्जन थाना की पुलिस तथा भारी संख्या में पीएसी के जवान मौजूद रहे। हालांकि सबको गांव में पहुंचने पर ग्रामीणों का आक्रोश भी देखने को मिला। आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए जिस पर पुलिस फोर्स चौकन्ना हो गयी और जगह.जगह मोर्चा संभाल लिया। मगर जिला पंचायत सदस्य रतीश कुमार सहित अन्य लोगों के समझाने बुझाने पर परिजन मान गए। और रात तक दोनों शवों की अंत्येष्टि हेतु पुलिस की निगरानी में नारायणपुर स्थित गंगा घाट भेजा गया। वही हर शख्स को अपने पुत्रों की नादानी भरे कदम उठाए जाने पर पछतावा हो रहा था। स्मरण हो कि बुधवार की भोर में बिना नंबर वाली पिकअप पर लादकर बध हेतु कुल 8 मवेशियों को बिहार में पहुंचाने के लिए जौनपुर के शाहगंज निवासी साथी दीपक के साथ बाढू तथा चंद्रेश जा रहे थे कि चकिया कोतवाली के मंगरौर पुल पर पुलिस के हाथों पकड़े जाने के डर से दीपक के साथ बाढू तथा चंद्रेश ने पुल के ऊपर से नदी में छलांग लगा दी थी। जिससे दीपक तथा चंद्रेश की घटनास्थल पर मौत हो गई थी वही बाढू ने चकिया स्थित जिला संयुक्त चिकित्सालय में पहुंचने के बाद दम तोड़ दिया था। घटना के बाद तीनों शवों को पोस्टमार्टम हेतु पुलिस जिला चिकित्सालय ले गयी थी। इस तरह की घटित घटना ने २०१९ में पशुओं से लदी एक वाहन भोर में जब पुलिस से बचने के चक्कर में एक मड़ई में घुस गयी जहां सो रहे आधा दर्जन लोग इसके चपेट मे आ गये थे और भयावह घटना घटित हुई। लोगों का कहना है कि बुधवार को घटी घटना यदि पुल पर घेराबंदी की जगह किन्ही अन्य जगहों पर हुई होती तो शायद ऐसी घटना घटित नहीं होती।