पटना

बाराचट्टी के आपूर्ति निरीक्षक बर्खास्त, 10.85 करोड़ के गबन और वित्तीय अनियमितता का है आरोप


(आज समाचार सेवा)

पटना। सरकार ने बाराचट्टी के आपूर्ति निरीक्षक रामाशंकर सिंह को १०.८५ करोड़ के वित्तीय अनियमितता और गबन के आरोप में सेवा से बरखास्त कर दिया है। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है।

विभाग से जारी आदेश में कहा गया है कि विभागीय निर्देश की अवहलेना एवं कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही को लेकर दो मार्च को श्री सिंह को निलंबित किया गया था। १४ सितंबर को वे निलंबन मुक्त हुए। उन पर तत्कालीन सहायक प्रबंधक गुणवत्ता नियंत्रक राज्य खाद्य निगम मोहिनया के कार्यकाल के दौरान उनसे २२ बार स्पष्टीकरण पूछा गया।

२५ फॅरवरी २०१९ को अपने जवाब में श्री सिंह ने विभागीय आरोपों का प्रतिकार करते हुए कहा कि न तो उनके द्वारा गबन किया गया और ना ही उनके कार्यों से निगम और सरकार किसी प्रकार की क्षति हुई है। विभाग ने उनके स्पष्टीकरण को स्वीकार योग्य नहीं पाते हुए द्वितीय कारण पृच्छा जारी किया।

श्री सिंह के खिलाफ लगे आरोपों में कहा गया है कि श्री सिंह आपूर्ति निरीक्षक सह तत्कालीन सीएमआर गोदाम प्रभारी मोहनिया राज्य खाद्य निगम कैमूर के द्वारा अधिप्राप्ति वर्ष २०१३-१४ में २५०५३३.७७ क्वींटल एवं अधिप्राप्ति वर्ष २०१४-१५ में ५१४०७५.२० क्वींटल, इस प्रकार कुल ७६४६०८.९७ क्वींटल सीएमआर प्राप्त किया गया। जिसमें से ६०३५३६.६० क्वींटल निर्गत किया गया तथा १२३७३८.३४ क्वीं सीएमआर प्रभार में दिया गया।

इस प्रकार कुल ७२७२७४.९५ क्वींटल सीएमआर उपलब्ध कराया गया। शेष ३७३३४.०३ क्वीं उसीएमआर उपलब्ध नहीं कराया गया तथा उक्त मात्रा का प्रभार नहीं दिया गया। स्पष्ट है कि श्री सिंह द्वारा कुल २९६१९.३६ सीएमआर का गबन किया गया है। इस हिसाब से १० करोड़ ८५ लाख २५ हजार से अधिक राशि वसूलनीय है। इनके खिलाफ आपराधिक व विभागीय जांच शुरू की गयी, जिसका उन्होंने यह कहते हुए विरोध किया कि एक साथ दोनों कार्रवाई नहीं की जा सकती है।

सरकार ने उनके तर्क को मानने से इनकार कर दिया। सरकार ने सरकारी सेवक आचार नियमावली १९७६ के नियम ३ के संगत प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए अनुशासनिक प्राधिकार द्वारा बिहार सरकारी सेवक नियमावली २००५ के निचयम १४ के संगत प्रावधान के आलोक में सेवा से बरखास्तगी जो सामान्यतया सरकार के अधीन भविष्य में नियोजन के लिए निरर्हता होगी को दंड अधिरोपित एवं संसूचित किया जाता है।