पटना

पटना: कर अपवंचकों पर वाणिज्य कर की पैनी नजर


33 टीम ने की छापेमारी, कई फर्जी फार्म पकड़े गये

पटना (आससे)। वाणिज्य कर विभाग के द्वारा डाटा एनालिटिक्स डाटा माइनिंग तथा ह्यूमन इंटेलिजेंस की मदद से वृहत पैमाने पर कर अपवंचकों की ३६० डिग्री प्रोफाइल बनाकर उन पर पैनी नजर रखी जा रही है। साथ ही, कर अपवंचकों के द्वारा ई-वे बिल के माध्यम से किये गये संव्यवहारों की भी गहन जांच की जा रही है। विभाग के केन्द्री व अन्वेफषण ब्यूरो में जीएसटी के अधीन दाखिल विवरणियों का विशलेषण करके कर भुगतान में नकद जमा अनुपात की भी जांच की जाती है। जिन प्रतिष्ठानों के विषय में प्रथम दृष्टïया यह प्रतीत होता है कि ये प्रतिष्ठान बोगस हैं तथा फर्जी बिल बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट का इस्तेमाल करते हैं, उसके विरूद्ध आवश्यक जांच पड़ताल की जाती है।

वाणिज्य कर आयुक्त सह सचिव डा. प्रतिमा के निर्देश में मंगलवार को विभाग के ३३ दलों के द्वारा मंगलवार को पटना जिले में १३, सारण में १०, भागलपुर में १, दरभंगा में ३, मगध में ४ तथा पूर्णिया में २ प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया गया। ये फर्म मुख्य रूप से आयरन-स्टील, कोयला, लैपटॉप, बैटरी, एल्युमीनियम, कॉपर स्क्रैप, बिटुमिन, मल्टींग रिचार्ज ऑपरेटर्स इत्यादि से संबंधित थे।

निरीक्षण के क्रम में २४ फरम निबंधन में घोषित अपने मुख्य स्थल पर अस्तित्वहीन पाये गये। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि ये फर्म कर अपवंचना के साथ बिल टे्रडिंग को अंजाम देने के लिए फर्जी ढंग से बनाये गये थे। इन फर्मों के द्वारा लगभग रुपये ३७९.४८ करोड़ का संव्यवहार प्रदर्शित है। ऐसे मामलों में न सिर्फ लगभग रुपये ५४.९० करोड़ के फेंक आईटीसी द्वारा कर अपवंचना का पर्दाफाश हुआ है, बल्कि ये फर्म जीएसटी के प्रावधानों का उल्लंघन भी कर रहे हैं। विभाग द्वारा इन बोगस फर्मों के फर्जी कागजातों के आधार पर निबंधन लिये जाने की जांच की जायेगी।

निरीक्षण के दौरान तीन फर्म निबंधन में अपने घेाषित पते पर अवस्थित पाये गये परंतु इन तीनों के संबंध में बिल टे्रडिंग का मामला प्रकाश में आया है। जिस पर विभाग द्वारा अन्वेषण के उपरांत काररवाई की जायेगी। ये फर्म कोयला तथा लैपटॉप के क्षेत्र में संव्यवहार कर रहे हैं। दरभंगा के एक कम्प्यूटर व्यवसायी के द्वारा फर्जी परिवहन दिखाकर करोड़ों के लैपटॉप की खरीद बिक्री दिखाई गयी है ताकि आईटीसी का लाभ दूसरे राज्य के व्यवसायियों को दिया गया है।

यहां तक की इस व्यवसायी के द्वारा लाखों के लाख का परिवहन कार तथा दूसरे राज्य के व्यवसायियों को दिया गया है। इस फर्म में रुपये तीस लाख  के माल का जब्त भी किया गया है। इन तीन फर्मों में औरंगाबाद में निबंधित एक फर्म अपने घोषित पता पर न होकर डेहरी में कार्यरत पाया गया जहां एक स्थल से कई फर्जी फर्मों का संचालन किया जा रहा था। इन ३ फर्मों में करीब डेहरी में कार्यरत पाया गया जहां एक स्थल से कई फर्जी फर्मों का संचालन किया जा रहा था इन तीन फर्मों में करीब सोलह करोड़ की कर चोरी का मामला सामने आया है।

पटना तथा भागलपुर में निबंधित तीन फर्मों का निरीक्षण किया गया। जिनमें से एक फर्म अस्तित्वहीन पाया गया। जिसका टर्नओवर विगत तीन वर्षों में रुपये नौ सौ करोड़ से ज्यादा है एवं इस फर्म के द्वारा संपूर्ण कर भुगतान क्रेडिट का उपयोग करते हुए किया गया है। विभागीय आयुक्त सह सचिव डा. प्रतिमा के द्वारा बताया गया कि इन फर्मों के द्वारा करोड़ों के रिचार्ज वाउचर राज्य के बाहर के रिटेल व्यवसायियों से खरीदे जा रहे हैं तथा ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से रिचार्ज किया जा रहा है।

आयुक्त सह सचिव के द्वारा बताया गया कि इस दिशा में जीएसटी अधिनियम के अंतर्गत अग्रेतर आवश्यक काररवाई की जायेगी एवं निरीक्षण के क्रम में पाये गये फर्जी फर्म का निबंधन रद्द किया जायेगा। साथ ही, इनके इनपुट टैक्स क्रेडिट को ब्लॉक करने एवं ई-वे बिल जेनेरेशन की सुविधा रोके जाने की काररवाई भी की जायेगी। अन्य राज्यों में निबंधित ऐसे फर्म जो उक्त २४ फर्जी फर्मों से संव्यवहार कर रहे थे की सूची भी संबंधित राज्य को विधि सम्मत काररवाई हेतु भेजी जायेगी।