पड़ाव। अलीनगर थाना अंतर्गत अवैध रूप से ड्म्प हो रहे कोयला और बंद पड़े साहुपुरी फैक्ट्री के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सैकड़ों क्षेत्रवासी लामबंद होकर नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन किया। और अपनी मांग भी रखी कि उक्त जमीन में विश्वविद्यालय अस्पताल खेल का मैदान बनाया जाए अन्यथा क्षेत्रवासी उग्र प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आरोप भी लगाया कि 1956 में साहू शांति प्रसाद जैन ने क्षेत्र के कई गांव का जमीन अधिग्रहण कर फैक्ट्री लगाया और एक वायदे के साथ कि हर घर से एक व्यक्ति का उक्त फैक्ट्री में रोजगार मिलेगा फैक्ट्री चालू भी हुआ लोगों को रोजगार भी मिला लेकिन किसी कारणवश 1986 में हड़ताल के कारण फैक्ट्री बंद हो गया काफी मान मनव्वल के बाद फैक्ट्री शुरू हुआ लेकिन 1989 में एक बार फिर फैक्ट्री बंद हुआ और वह हमेशा के लिए बंद हो गया उसके बाद फैक्ट्री का एक.एक पुर्जा खोलकर अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा भेज दिया गया जबकि फैक्ट्री चालू होने दौरान अति सुंदर सुंदर फुलवारी और बगीचे भी लगाए गए थे अब वही उजड़े चमन हो गए हैं फैक्ट्री के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अंधाधुन पेड़ों की कटाई कर दी गई जब कुछ नहीं रह गया बेचने के लिए तो अवैध रूप से मिट्टी की खुदाई कर उसको बेचा जा रहा है।