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चित्रकूट जेल गैंगवार: कभी मुख्तार के करीबी रहे मेराज की धनंजय सिंह के साथ तस्वीर


अपराध की दुनिया का भी अपना गणित होता है. अपने रिश्ते होते हैं. कौन, कब और कहां किससे जुड़ जाएं और उस जुड़ने से क्या समीकरण बन जाए? इस सवाल का जवाब मिलना मुश्किल होता है. अब चित्रकूट जेल में गैंगवार के दौरान मारे गए मेराजुद्दीन उर्फ मेराज अली का भी अपराध की दुनिया का नया समीकरण, नया रिश्ता सामने आया है.

बीती 14 मई को चित्रकूट जेल में गैंगस्टर अंशु दीक्षित की गोलियों का शिकार हुए मेराजुद्दीन उर्फ मेराज भाई को दुनिया मुख्तार अंसारी का करीबी जानते रही, लेकिन कुछ दिनों से मेराज के रिश्ते दूसरे खेमे के साथ ज्यादा हो गए थे. जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह और मेराज की एक तस्वीर सामने आई है. तस्वीर बनारस वाले पीके सिंह के करीबी के भाई की शादी की है. धनंजय सिंह यानी मुख्तार अंसारी का धुर विरोधी गैंग.

मेराज अली की धनंजय सिंह और पीके सिंह से बढ़ी नजदीकी का ही नतीजा था कि साल 2018 में बागपत की जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद उसकी पत्नी सीमा सिंह ने जिन लोगों पर जेल में हत्या कराने की साजिश का आरोप लगाया, उसमें पूर्व सांसद धनंजय सिंह, पीके सिंह के साथ मेराज अली का भी नाम था. सीमा सिंह ने पुलिस को दी दिए अपने 161 के बयान में मेराज अली के साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था.

एक तरफ सीमा सिंह का दिया गया बयान और दूसरी तरफ सामने आई यह तस्वीरें साफ कह रही है कि पूर्वांचल के क्राइम वर्ल्ड में बीते कुछ सालों के अंदर नया ही समीकरण बैठ गया था, जिसकी वजह से ही मुख्तार अंसारी के कभी शार्प शूटर रहे मुन्ना बजरंगी की हत्या में मुख्तार अंसारी के ही फाइनेंसर मेराज अली का भी नाम आया.

पुलिस महकमे के सूत्रों ने नए समीकरण की पुष्टि करते हुए कहा कि बीते साल लखनऊ पुलिस ने जब धनंजय सिंह के करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की, उसमें पीके सिंह के गोमती नगर विस्तार स्थित फ्लैट का ठिकाना भी शामिल था. जहां से उसका करीबी गुर्गा बाबू सिंह टिफिन बम के साथ गिरफ्तार हुआ था, पीके सिंह के ठिकाने से दो बुलेट प्रूफ जैकेट, वॉकी टॉकी और उसकी बुलेट प्रूफ गाड़ी तक पुलिस ने जब्त की थी लेकिन पीके सिंह आज तक गिरफ्तार नहीं हुआ.