नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने जाति, समुदाय, भाषा और धर्म के आधार पर प्रचार करने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों पर कड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में दोनों ही पार्टियों को सलाह दी गई है कि वे ऐसे करने से बचें। एक तरफ चुनाव आयोग ने कांग्रेस के स्टार प्रचारकों से रक्षा बलों का राजनीतिकरण न करने की सलाह दी है तो वहीं भाजपा को ऐसे भाषण न देने की सलाह दी है जिससे समाज में विभाजन पैदा हो।
इस मामले में चुनाव आयोग (ECI) ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को स्टार प्रचारकों को उनके भाषण को सही करने, सावधानी बरतने और शिष्टाचार बनाए रखने के लिए फॉर्मल नोट जारी करने का निर्देश दिया है। चुनाव आयोग ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों के चुनाव प्रचार की गुणवत्ता में बेहद गिरावट आई है जिसके मद्देनजर यह आदेश जारी किए गए है।
धार्मिक और सांप्रदायिक रंगत से दूर रहें
चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों के स्टार प्रचारकों को निर्देश दिया है कि वे अपने प्रचार में धार्मिक और सांप्रदायिक रंगत से दूर रहें। चुनाव आयोग ने भाजपा से यह भी कहा है कि वह प्रचार के दौरान ऐसे भाषण न दे जिससे समाज में विभाजन पैदा हो।
सुरक्षा-बलों का राजनीतिकरण न करें
वहीं, चुनाव आयोग ने कांग्रेस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि स्टार प्रचारक ऐसे बयान न दें जो गलत धारणाएं देते हों। इसके अलावा, अग्निवीर योजना पर बोलते समय, चुनाव निकाय ने कांग्रेस प्रचारकों या उम्मीदवारों से रक्षा बलों का राजनीतिकरण न करने और रक्षा बलों की सामाजिक-आर्थिक संरचना के बारे में संभावित विभाजनकारी बयान न देने के लिए कहा है।
चुनाव प्रचार के दौरान न करें ये काम
चुनाव आयोग ने कहा है कि भाजपा और कांग्रेस को भारतीय मतदाताओं के गुणवत्तापूर्ण चुनावी अनुभव की विरासत को कमजोर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। चुनाव आयोग ने भाजपा और कांग्रेस द्वारा एक दूसरे के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। आयोग ने कहा है कि सत्ताधारी पार्टी को चुनाव के समय अतिरिक्त जिम्मेदारी मिलनी चाहिए और विपक्ष के लिए भी असीमित अतिरिक्त जगह नहीं होनी चाहिए।