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जंतर-मंतर पर जमा होंगे कांग्रेस पार्टी के नेता, अग्निपथ स्कीम के विरोध में करेंगे सत्याग्रह


नई दिल्ली, । केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई अग्निपथ स्कीम के खिलाफ देश भर में हिंसक प्रदर्शन जारी है। इस बीच शनिवार को कांग्रेस पार्टी ने ‘सत्याग्रह’ करने का एलान किया है। इसके लिए पार्टी के सभी सांसद, कार्यकर्ता व अधिकारी रविवार को जंतर-मंतर पर एकजुट होंगे। इस क्रम में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज ट्वीट कर कहा, ‘आठ सालों से लगातार भाजपा सरकार ने ‘जय जवान, जय किसान’ के मूल्यों का अपमान किया है। मैंने पहले भी कहा था कि प्रधानमंत्री जी को काले कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे। ठीक उसी तरह उन्हें ‘माफीवीर’ बनकर देश के युवाओं की बात माननी पड़ेगी और ‘अग्निपथ’ को वापस लेना ही पड़ेगा।’ 

इसके पहले राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था, ‘अग्निपथ- युवाओं ने नकारी। कृषि कानून- किसानों ने नकारे। नोटबंदी- अर्थशास्ति्रयों ने नकारी। जीएसटी- कारोबारियों ने नकारा। प्रधानमंत्री को नहीं पता कि देश के लोग क्या चाहते हैं क्योंकि वह अपने मित्रों की आवाज के अलावा कुछ नहीं सुन सकते।’ शुक्रवार को भी कांग्रेस सैन्य भर्ती की नई योजना ‘अग्निपथ’ का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के समर्थन में सामने आई और उनसे शांति बनाए रखने व हिंसा छोड़ने का अनुरोध किया। पार्टी ने केंद्र सरकार से योजना वापस लेने की मांग भी की है।

प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर जताया एतराज

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हिंदी में ट्वीट कर कहा कि 24 घंटे भी नहीं बीते और भाजपा सरकार को सेना भर्ती की नई योजना के नियम बदलने पड़े। इसका मतलब है कि योजना को युवाओं पर जल्दबाजी में थोपा जा रहा है। प्रियंका ने कहा, ‘प्रधानमंत्री जी इस योजना को तत्काल वापस लीजिए। नियुक्तियां दीजिए और वायुसेना में रुकी हुई भर्ती के लिए परिणाम घोषित कीजिए। सेना भर्ती (उम्र में छूट के साथ) का आयोजन पहले की तरह कीजिए।’

कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल का अनुरोध, स्कीम पर की जाए चर्चा

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने रक्षा मामलों पर संसदीय स्थायी समिति के चेयरमैन जुएल ओराम से सभी पक्षों और रक्षा विशेषज्ञों की तत्काल एक बैठक बुलाने का अनुरोध किया ताकि अग्निपथ योजना पर विस्तार से चर्चा और विचार-विमर्श हो सके। उन्होंने कहा कि इस योजना को लेकर युवाओं में खासा गुस्सा है, खासकर इसकी अस्थायी प्रकृति, पेंशन और स्वास्थ्य देखभाल के लाभों के अभाव की वजह से।