पटना

जमुई के डॉ. शंकरनाथ झा को शिक्षा का सर्वोच्च पुरस्कार


मुसहर समुदाय के शिक्षा में योगदान के लिए मिलेगा ढाई लाख का अवार्ड

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। ढाई लाख रुपये का मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा पुरस्कार इस बार जमुई के डॉ. शंकरनाथ झा को मिलेगा। यह राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है।

पेशे से चिकित्सक तथा एमबीबीएस एवं एमडी की योग्यता रखने वाले डॉ. झा को यह पुरस्कार मुसहर समुदाय की शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टï योगदान के लिए दिया जायेगा। डॉ. झा द्वारा दलित बस्तियों में मुसहर जाति के बच्चों को शिक्षित करने की दिशा में एक टोले से शुरू किया गया अभियान अब 55 टोलों तक पहुंच गया है, जिससे 5,500 बच्चे जुड़े हुए हैं। बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा के लिए गांव के ही शिक्षक की नियुक्ति की गयी। डॉ. आनंदमयी सिन्हा के सहयोग से बच्चों के लिए पुस्तकों की व्यवस्था की गयी। जमुई जिले में सामाजिक सहयोग से दो स्कूलों की स्थापना की गयी। उनकी उपलब्धियां और भी हैं।

डॉ. झा को यह पुरस्कार उन्हें शिक्षा दिवस पर 11 नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों मिलेगा। देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन पर 11 नवम्बर को शिक्षा दिवस मनाया जाता है। इस बार यह समारोह यहां अधिवेशन भवन में एक घंटे का होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समारोह का उद्घाटन करेंगे। पुरस्कार के लिए 28 प्रविष्टियां आयीं थीं।

पुरस्कार के लिए शिक्षा विभाग के सचिव असंगबा चुबा आओ की अध्यक्षता में गठित चयन समिति ने डॉ. शंकरनाथ झा के नाम पर सोमवार को मुहर लगा दी। शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सतीश चन्द्र झा चयन समिति के सदस्य सचिव हैं। डॉ. शंकरनाथ झा की ख्याति डॉ. एस. एन. झा के रूप में है। उनके पिता रामरक्षा झा ख्यातिप्राप्त शिक्षक थे। चयन समिति की बैठक शिक्षा विभाग के डॉ. मदन मोहन झा स्मृति सभागार में हुई।

चयन समिति के सदस्यों में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री, शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक डॉ. विनोदानंद झा, पटना विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रो. अरुण कमल, खुदाबख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी के पूर्व निदेशक डॉ. इम्तियाज अहमद, काशी प्रसाद जायसवाल शोध संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. विजय कुमार चौधरी एवं भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के बिहार रिजनल ब्रांच के सचिव डॉ. आर. के. वर्मा बैठक में शामिल थे। बैठक में जन शिक्षा के सहायक निदेशक रमेश चन्द्र एवं परामर्शी प्रीति परिहार भी उपस्थित थीं।