- केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर के बाद अब लद्दाख के नेताओं को बातचीत के लिए न्योता भेजा है। सरकार ने लद्दाख के विभिन्न दलों को बातचीत के लिए 1 जुलाई को बुलाया है। इससे पहले 24 जून को प्रधानमंत्री के आवास पर जम्मू कश्मीर के नेताओं को बुलाया गया था। जिसमें जम्मू कश्मीर के विकास को लेकर चर्चा हुई।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 1 जुलाई को होने वाली लद्दाख के नेताओं के साथ बैठक अहम है और इसको लेकर करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस की तरफ से फ़िलहाल पुष्टि कर दी गई है कि उसे केंद्र सरकार की तरफ से भेजे गया न्योता मिल गया है। जानकारी के लिए बता दें कि यह लेह एपेक्स बॉडी को भी इस बैठक में शामिल होने के लिए कहा गया है। 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया था। जिसके बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख 2 केंद्र शासित प्रदेशों को बनाया गया। जहां पर अभी कोई भी सरकार नहीं है।
जानकारी के लिए बता दें कि बीते दिन जम्मू कश्मीर के नेताओं के साथ हुई बैठक में चार पूर्व मुख्यमंत्री जिसमें महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और गुलाम नबी आजाद समेत कई क्षेत्रीय नेता शामिल थे।जिन्होंने पीएम मोदी के सामने अपना एजेंडा रखा।
सभी दलों ने धारा 370 को हटाने और जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने जाने की मांग की। सर्वदलीय बैठक के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत एक मेज पर बैठने और विचारों का आदान प्रदान करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी को मिटाना चाहते हैं। जबकि महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि यदि केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर में विश्वास बहाली पर ध्यान देना चाहिए। जम्मू-कश्मीर एक खुली जेल बन गया है, जिसकी वजह से लोग अपने घरों के भीतर भी फुसफुसाते हैं, क्योंकि वे डरे हुए हैं।