नई दिल्ली: ब्रिटेन की विदेश मंत्री एलिजाबेथ ट्रुस ने कहा है कि भारत के साथ रिश्तों को सुधारना ब्रिटेन के लिए अभी पहले से भी ज्यादा जरूरी हो गया है। उन्होंने यह बात यूक्रेन-रूस युद्ध से उपजे हालात के संदर्भ में कही। भारत के एक दिन के दौरे पर आईं ट्रुस ने गुरुवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बातचीत की। बाद में दोनों विदेश मंत्रियों ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
यूक्रेन पर हमला करने के लिए पुतिन को ठहराया जिम्मेदार
ट्रुस ने यूक्रेन पर हमला करने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराते उम्मीद जताई कि उन पर लगाम लगाने की अंतरराष्ट्रीय कोशिश में भारत पूरी मदद करेगा। ट्रुस ने यह भी कहा कि मौजूदा विश्व पहले से ज्यादा असुरक्षित हो गया है और दूसरे देशों की संप्रभुता, भौगोलिक अखंडता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करना कितना जरूरी है। ट्रुस और जयशंकर के बीच हुई बातचीत में द्विपक्षीय रिश्तों के आयामों पर भी चर्चा हुई, लेकिन यूक्रेन-रूस विवाद ही प्रमुख तौर पर केंद्र में रहा। भारत-ब्रिटेन स्ट्रेटजिक फ्यूचर्स फोरम की पहली बैठक को संबोधित करते हुए ट्रुस ने जितनी बार यूक्रेन पर हमले के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया, उससे भी इसी बात का संकेत मिलता है।
ब्रिटेन के साथ टू प्लस टू वार्ता शुरू करने की संभावना
जयशंकर ने कहा कि ब्रिटेन के साथ सहमति बनी है कि यूक्रेन-रूस के बीच शीघ्रता से युद्धविराम लागू होना चाहिए और बातचीत से ही समस्या का समाधान होना चाहिए। ब्रिटेन के साथ खास रणनीतिक रिश्तों को और मजबूत बनाने के लिए दोनों देशों के बीच रक्षा और विदेश मंत्रियों के स्तर पर टू प्लस टू वार्ता शुरू करने की संभावना पर भी जयशंकर ने सकारात्मक संकेत दिए।
द्विपक्षीय संबंधों को नया मुकाम देने की कवायद
गौरतलब है कि भारत और ब्रिटेन द्विपक्षीय रिश्तों को नया मुकाम देने के लिए बड़े एजेंडे पर काम कर रहे हैं। दोनों ने वर्ष 2030 का एक रोडमैप भी बनाया है जिसमें रक्षा, विज्ञान व तकनीक, कारोबार जैसे मुद्दों पर साझेदारी बनानी है। दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर भी बात हो रही है। भारत आने से पहले जारी एक बयान में ट्रुस ने यह भी संकेत दिया था कि ब्रिटेन भारत के साथ हिंद प्रशांत क्षेत्र में भी ज्यादा करीबी सहयोग स्थापित करने को तैयार है।