पटना

जहानाबाद: जिला शिक्षा कार्यालय में चल रहा है अपने चहेतों को सेट करने का खेल


      • दो साल से काम कर रहे कम्प्यूटर ऑपरेटर को फ़र्जी कह हटाया
      • पीड़ित कर्मी ने डीएम व सांसद से लगाई गुहार

जहानाबाद। जिले के शिक्षा विभाग में कथित तौर पर व्याप्त भ्रष्टाचार के मामले सामने आते ही रहते हैं। परन्तु, अब इससे एक कदम आगे एक नया मामला सामने आया है। इसबार मामला जिला शिक्षा कार्यालय में अपने चहेते लोगों को सेट करने से जुड़ा है। कहा जा रहा है कि कार्यालय में चुन-चुनकर अपने चहेते लोगों को रखा गया है, जिससे लेन-देन का खेल में आसानी होती है।

ताजा मामला जिला शिक्षा कार्यालय में फ़ाइल पर नियोजन का निर्णय होने के बाद लगभग दो साल से लगातार कार्यरत एक कम्प्यूटर ऑपरेटर संतोष कुमार केशरी के नियोजन को फ़र्जी बताकर उसे नौकरी से निकाल देने से जुड़ा है। इस संदर्भ में पीड़ित कर्मी ने डीएम और सांसद को आवेदन देकर इस पूरे मामले की जांच कराकर न्याय की गुहार लगाई है।

अपने आवेदन में पीड़ित कर्मी ने उल्लेख किया है कि वह सरकार द्वारा संचालित महादलित, दलित अल्पसंख्यक एवं अतिपिछडा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, साक्षरता कार्यालय, जहानाबाद में कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर वर्ष 2019 से ही कार्यरत है। उसकी बहाली निदेशक, जन शिक्षा-सह-अपर सचिव शिक्षा विभाग, बिहार पटना के पत्रंक 1620 दिनांक 12-07-2019 के तहत जिला शिक्षा पदाधिकारी की अधयक्षता में समिति गठित कर निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी के अनुमोदन पर की गई थी।

उसके बाद वे तत्कालीन डीपीओ के आदेश पर काम करने लगे। तब से बीते 12 जून 2021 तक काम करते रहे और कार्यालय में उसकी उपस्थिति भी बनती रही। इस दौरान मार्च 2021 तक उसे मानदेय भी मिलता रहा। उसका कहना है कि वे जब भी जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, साक्षरता से नियुक्ति पत्र की मांग की तो उसे कहा गया कि आपको हरेक माह पैसा मिल रहा है तो काम करते रहो। वरीय अधिकारी के निदेश को आलोक में वह काम करते रहा। उसने आरोप लगाते हुए कहा कि उसने नियोजन पत्र की मांग की तो उसे नियोजन पत्र देने के बजाय उसके स्थान पर अधिकारियों ने अपनी एक चहेती लड़की को बहाल कर दिया।

बहाली को लेकर स्पष्ट है दिशानिर्देश

महादलित, दलित, अल्पसंख्यक व अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना में कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर बहाली के लिए जन शिक्षा निदेशालय का स्पष्ट निर्देश है। निर्देश में स्पष्ट है कि उक्त पद पर जिला के पैनल से बहाली करना है। जिला के पैनल से अभ्यर्थी नहीं मिलने पर पूर्व में साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम के तहत कार्यरत आईटी समन्वयक को बहाल करना है। इसी निदेश के आलोक में साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम में कार्यरत आईटी समन्वयक संतोष कुमार केशरी को उक्त पर पर नियोजन करने का निर्णय लिया गया था।

क्या है कहते हैं डीईओ

इस संदर्भ में जिला शिक्षा पदाधिकारी राम सागर प्रसाद सिंह ने बताया कि उक्त ऑपरेटर की बहाली के लिए पूर्व में फ़ाइल पर निर्णय लिया गया था। लेकिन, तत्कालीन डीपीओ द्वारा उसे नियोजन पत्र नहीं दिया गया। वह बिना नियोजन पत्र के ही काम करता रहा और मानदेय लेता रहा। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि इतना लंबा समय बीतने पर भी उक्त कर्मी को नियोजन पत्र क्यों नही दिया गया। वहीं कार्यालय की इस गलती को सुधारने के बजाए उक्त कर्मी को नौकरी से हटाकर, अपने किसी चहेते को उसके स्थान पर काम में लगा देना कितना सही है।