पटना

जहानाबाद: दक्षिणी दौलतपुर में एडवोकेट के घर से लाखों के जेवरात व नकद रुपये ले उड़े चोर


बंद पड़े घर का ताला तोड़कर चोरी को दिया अंजाम, पुलिस जांच में जुटी

जहानाबाद। कोरोना की लहर थमते ही शहर में चोरों ने एक बार फि़र अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। शहर के दक्षिणी दौलतपुर इलाके में चोरों ने सीनियर एडवोकेट पंकज शर्मा के घर का ताला तोड़ घर में रखे उनकी बहू के कीमती जेवरात व पांच हजार रुपये नकद समेत लाखों रुपये मूल्य के अन्य सामान की चोरी कर ली। घटना के वक्त घर में कोई भी लोग मौजूद नहीं थे और घर में ताला बंद था। घटना की जानकारी तब हुई, जब रविवार की सुबह उनके बेटे प्रशांत कौण्डिल्य घर पहुंचे।

प्रशांत ने बताया कि वे 16 जून से घर नहीं आये थे। घर पर अन्य कोई सदस्य नहीं रहने के कारण वे शहर स्थित शक्तिनगर में अपने ससुराल में ठहर रहे थे। रविवार की सुबह जब वे अपने घर पहुंचे तो देखा कि घर के मेन गेट का ताला टूटा हुआ है। इसके बाद वे अंदर घर में प्रवेश किए तो देखा कि कमरे के ताले टूटे हुए हैं और घर में रखे जेवरात के डिब्बे एवं अन्य सामान बिखरे पड़े हैं।

उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी के जेवरात गोदरेज में रखे थे। गोदरेज की चाबी बेड के नीचे रखी रहती थी। ऐसा प्रतीत होता है कि चाबी से गोदरेज खोलकर जेवरात निकाला गया है। उन्होंने बताया कि घर में चार से पांच हजार रुपये नगद भी रखे हुए थे। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी के सोने की चेन, अंगूठी, मंगलसूत्र, झुमका, टीका, नथिया व अन्य जेवरात के अलावा नगद रुपए भी गायब है। उन्होंने बताया कि तुरंत इसकी सूचना नगर थाने की पुलिस को दी।

सूचना मिलने के बाद नगर थाने की पुलिस पहुंच कर घटना की जांच पड़ताल की है। इधर, एडवोकेट पंकज कुमार ने बताया कि वे अपनी बहू की इलाज को लेकर बिहार से बाहर हैं। उनके बेटे द्वारा नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।

ताला बंद मकान चोरों के लिए बन रहा सॉफ्ट टारगेट

शहर में ताला बंद मकान चोरों के लिए हमेशा सॉफ्ट टारगेट रहा है। इससे पहले भी चोरों ने ताला बंद कई मकानों को अपना निशाना बनाया है। लेकिन, हैरत की बात है कि पिछले कई सालों में चोरी की हुई लगभग तमाम घटनाएं अब तक अबूझ पहेली बन कर रह गई। शहर में घटित चोरी की अधिकांश घटनाओं में ना तो चोर पकड़े गए और ना ही चोरी के सामान बरामद हुए। इतने दिनों में नगर थाना अध्यक्ष की कुर्सी पर कई पदाधिकारी आए और ट्रांसफ़र हो गए। लेकिन, चोर पुलिस के हाथ नहीं लगे। चोरी के अधिकांश मामलों की फ़ाइल महज एफ़आईआर की घटना बन कर नगर थाने की बोझ बढ़ा रही है।