पटना

जहानाबाद: पूर्व जिलापरिषद अध्यक्ष के खिलाफ सोशल मीडिया में आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर एसपी ने एसडीपीओ को दिया कार्रवाई का निर्देश


जिलापरिषद अध्यक्ष के चुनाव में दलित महिला साथी को वोट देना पड़ रहा है भारी

जहानाबाद। पूर्व जिलापरिषद अध्यक्ष आभा रानी के खिलाफ सोशल मीडिया में आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर पुलिस एक्शन मोड में है इसको लेकर एसपी  ने एसडीपीओ को  जांच कर कार्रवाई  का निर्देश दिया है।दरअसल में जिला परिषद अध्यक्ष के चुनाव में आभा रानी के निर्णायक भूमिका के बाद से सोशल मीडिया पर लंपटों की टोली एक्टिव हो गई और आभा रानी की तस्वीर लगाकर गंदी गंदी बातें और गाने शेयर किया जाने लगे। जिसे देख और सुन कर मानवता शर्मसार हो गई। जिले की प्रतिष्ठित और सुशिक्षित महिला को लेकर सोशल मीडिया पर हो रही लंपट गिरी से हर कोई परेशान है।

जिला अध्यक्ष रहते सरकारी  गाड़ी और डीजल का भी नही करती थी उपयोग

दरअसल में इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय हजारीबाग से स्कूलिंग और साइंस कॉलेज से पीजी तक शानदार कैरियर को सहेजने वाली आभा रानी के खिलाफ अपशब्द और आश्चर्यजनक भाषा का इस्तेमाल इस बात को सोचने के लिए विवश कर रहा है कि क्या राजद में सुशिक्षित और इमानदार महिला को राजनीति करने का हक नहीं है? क्योंकि आभा न सिर्फ जिला परिषद अध्यक्ष रह चुकी है बल्कि वह राजद की प्रदेश प्रवक्ता भी है ।परंतु आभा का जिला परिषद अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल किसी नजीर से कम नही है।कहते है पंचायती राज व्यवस्था में पुरी तरह से काजल की कोठरी है और उस में से शायद ही कोई बेदाग निकल जाये। सूबे के पंचायत प प्रतिनिधियों में अधिकांश की ढाढ और रूतवे  इसका परिणाम है कि लूट की गंगा में अधिकांश पंचायत जनप्रतिनिधियों ने डुबकी लगाई परंतु जहानाबाद के पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष आभा रानी की कहानी आपको हैरान कर देगी। आभा रानी ने अपने 5 साल के जिला परिषद अध्यक्ष के कार्यकाल में कभी भी सरकारी गाड़ी और सरकारी इंधन उपयोग नहीं किया।

क्यों भयभीत है लम्पटों की समूह

दरअसल में पटना विश्वविद्यालय से पीजी की पढ़ाई कर चुकी आभा रानी ने जिला परिषद में एक ऐसी कार्यशैली विकसित की जिसमें अध्यक्ष के नाम पर कोई  फूटी कौड़ी कमीशन नहीं ली। हालांकि लालफीताशाही और नौकरशाही ने आभा रानी के मिशन में अडंगा जरूर लगाया पर आभा रानी डिग्गी नहीं, नतीजा यह रहा कि आभा रानी पुनः भारी मतों से जिला परिषद का चुनाव जीत गई परंतु आभा रानी को जीत उनके ही दल के कई बड़े नेताओं और अंदर अंदर भयभीत करती रही। आभा रानी जिला परिषद अध्यक्ष नहीं बने इसके लिए वह हर जुगलबंदी करने को तैयार थे।  आखिरकार हुआ भी ऐसा ही। और जब आभा रानी को लगा कि नेताओं की जुगलबंदी और दांवपेच में वे पिछड़ रहे हैं तो उन्हें एक अपने दलित महिला साथी रानी कुमारी को जिला परिषद अध्यक्ष का ताज पहनाने महती भूमिका निभाई।

पुलिस अवश्य कार्रवाई करेगी

इधर जिला परिषद अध्यक्ष चुनाव में निर्णायक भूमिका के बाद राजद के ही चंद कथित लम्पटों की हरकतों से परेशान आभा रानी ने एसपी दीपक रंजन से मिलकर सोशल मीडिया में कई जा रही अमर्यादित टिप्पणियों पर कार्रवाई की मांग की है।इधर एसपी दीपक रंजन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीपीओ अशोक कुमार पांडेय को जांचकर कार्रवाई का निर्देश दिया है।उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है इसमे पुलिस अवश्य ही कार्रवाई करेगी।