नई दिल्ली, Shinzo Abe Death: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का निधन हो गया। आज सुबह जापान के नारा में एक जनसभा के दौरान उन्हें गोली मारी गई थी। शिंजो आबे का भारत से गहरा लगाव रहा है। वे पहले जापान के प्रधानमंत्री हैं जो अपने कार्यकाल के दौरान सबसे अधिक भारत आए। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया और भारत में भी एक दिन के राष्ट्रीय शोक का एलान कर दिया है।
गणतंत्र दिवस के मौके पर बतौर चीफ गेस्ट हुए थे शामिल
अब तक के जापान के प्रधानमंत्रियों में से शिंजो आबे ऐसे पीएम हैं जो सबसे अधिक बार भारत आए और गणतंत्र दिवस समारोह के चीफ गेस्ट भी रहे हैं। यही नहीं उन्हें भारत सरकार ने 2021 में देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। बता दें कि जापान के नारा में शिंजो आबे पर आज सुबह एक चुनावी जनसभा के दौरान जानलेवा हमला किया गया।
दो महासागरों का संगम
जापान और भारत के बीच द्विपक्षीय प्रगति शिंजो आबे के कार्यकाल में ही हुई। अपने पहले कार्यकाल 2006-07 के दौरान पहली बार शिंजो आबे भारत आए थे और संसद को संबोधित किया था। दूसरे कार्यकाल में वे तीन बार भारत आए। साल 2014 के जनवरी में शिंजो भारत आए थे। इसके एक साल बाद दिसंबर 2015 और फिर 2017 के सितंबर में भी उन्होंने भारत का दौरा किया था। इसी दौरान उन्होंने एक बार जापान और भारत के बीच की दोस्ती को ‘दो महासागरों का संगम’ बताया था। उल्लेखनीय है कि पहले जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे थे जिन्होंने साल 2014 में गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर चीफ गेस्ट हिस्सा लिया था।
बनारस भी गए थे शिंजो
2015 में अपनी भारत यात्रा में शिंजो आबे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस भी गए थे और वहां होने वाली गंगा आरती में शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने भारत की सांस्कृतिक विरासत की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि जापान लंबे समय से भारत के लोगों से परिचित है। योग, सिनेमा, खानपान के साथ ही भारतीय संस्कृति जापान में काफी लोकप्रिय है। जापान अलग-अलग क्षेत्रों में भारत के योगदान को सम्मान देता है। यह सभ्यता और मानवता के इतिहास से जुड़ा है।
- जनसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए शिंजो हुए थे सम्मानित
- जापान में आर्थिक सुधार किया था लागू
- भारत के साथ फ्री और ओपन इंडो पैसिफिक बनाने को लेकर हुआ था समझौता
- भारत और दूसरे देशों के हस्तियों को भी दिया जा सकता है पद्म विभूषण सम्मान
- अब तक विदेश के तीन शख्सियतों को मिल चुका है भारत रत्न सम्मान