पटना

जाले: जलजमाव वाले क्षेत्रों में मखाना, मछली व सिंघारा की खेती किसानों के लिए सिद्ध हो रही वरदान


जाले (दरभंगा)(आससे)। क्षेत्र में जलजमाव की समस्या से किसान त्रस्त हो चुका है एवम उपजाऊ भूमि चौर में परिवर्तित होकर जल का आश्रय स्थल बन चुका है। इसके कारण किसानों की माली हालत काफी कमजोड़ हो गई। बाढ़ व जलजमाव से निचले खेतो में फसल उगता नही देख स्थानीय किसानों के लिए मखाना, मछली व सिंघारा की खेती अब वरदान सिद्ध हो रही है।

अच्छी आमदनी के लिए स्थानीय किसान इसकी खेती करने में जीजान से जुट रहे है एवम किसान कृषि वैज्ञानिकों के परामर्श व देखरेख में आपस मे एक दूसरे को आसानी से बीज उपलब्ध करा रहे है। इस संदर्भ में प्रखण्ड के बेलबारा गाँव निवासी सह मखाना के जाने माने कृषक धीरेंद्र कुमार ने बताया कि मेरे मखाना प्रश्रेत्र का बहुत सारे किसानों एवं उद्यमीयो द्वारा निरीक्षण किया जा चुका है।

इसी क्रम में शुक्रवार को दरभंगा जिले के बेनीपूर के मखाना उद्यमी राजेश सहनी, जिनका वैष्णवी मखाना के नाम से व्यवसाय चलता है, जो इस वर्ष मखाना का खेती प्रारंभ किये हैं, जिन्होंने मेरे प्रक्षेत्र का भ्रमण करने के बाद मुझसे मखाना का पौधा देने का आग्रह किया। इन्हें अपने प्रश्रेत्र के मखाना का पौधा केविके जाले दरभंगा के वैज्ञानिक सुश्री कुमारी अम्बा की उपस्थिति में मुफ्त में उपलब्ध कराया।

उन्होंने आगे बताया कि पिछले वर्ष अच्छा मुनाफा होने के कारण इस वर्ष हमने अबतक 12 एकड़ भूमि में मखाना,मछली व सिंघारा का खेती करवा चुका हूँ। मेरे सफलता को देखते हुए कई किसान अब मखाना की खेती प्रारंभ कर दिये हैं, वह भी धान के खेतों में। उन्होंने बताया कि पहले महिला मखाना की खेती नही करते थीं, लेकिन अब महिलाएं भी मखाना की खेती में जुट रही हैं।