पटना

जाले: हर घर नल का जल योजना के बेहतर रख-रखाव एवं समुचित प्रबंधन हेतु प्रशिक्षण प्रारंभ


जाले (दरभंगा)(आससे)। हर घर नल का जल’ सात निश्चय के अंतर्गत लगाये गये मोटर, नल, पाईप, बिजली उपकरणों इत्यादि के संचालन एवं रख-रखाव हेतु शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान परिसर, दीघा में श्रम संसाधन विभाग के मंत्री जिवेश कुमार और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री रामप्रीत पासवान के समक्ष बिहार कौशल विकास मिशन एवं प्रशिक्षण-सह- शोध केंद्र, प्रांजल के बीच समझौता पत्र हस्तांतरित कर प्रशिक्षण कार्य प्रारम्भ किया गया।

इस संदर्भ में श्रम संसाधन विभाग के मंत्री जिवेश कुमार ने बताया की इसका उद्देश्य, राज्य के 56,079 से अधिक वार्डों में ‘हर घर नल का जल’ सात निश्चय के अंतर्गत जलापूर्ति योजनाएँ, जो अधिष्ठापित की गई हैं और सभी वार्ड पाइप्ड जलापूर्ति से आच्छादित किये गए हैं। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के द्वारा आच्छादित वार्डों में ‘हर घर नल का जल’ निश्चय अंतर्गत अधिष्ठापित जलापूर्ति योजनाओं के बेहतर संचालन एवं रख-रखाव के लिए भविष्य में कुशल कार्यबल की आवश्यकता को देखते हुए, मुख्य रूप से प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन एवं पम्प ऑपरेटर को प्रशिक्षित कर, पटल पर लाये जाने हेतु बिहार कौशल मिशन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री रामप्रीत पासवान ने बताया कि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की योजना क्रियान्वयन प्रक्रिया के अनुसार जलापूर्ति योजना के निर्माण और 3 माह के ट्रायल रन के उपरांत आगामी 60 माह के योजनाओं के संचालन व रख-रखाव निर्माणकर्ता संवदेक/एजेंसी के द्वारा किया जाता है। इसके लिए जलापूर्ति योजना स्तर पर एक पूर्णकालिक पम्प ऑपरेटर और आवश्यकता आधारित प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन, आदि की सेवा संवदेक/एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। वर्तमान में प्रत्येक जलापूर्ति योजना के दो या तीन आदमी इस कार्य से जुड़े हुये हैं और उन्हें इस क्षेत्र के परिचालन हेतु आवश्यक कौशल, जो साजों-समान के रख-रखाव एवं परिचालन बाधाओं को दूर करने से संबंधित है, उनकी आवश्यकता को देखा गया है। जिसको दूर करने में यह प्रशिक्षण बहुत ही सहायक सिद्ध होगा।

प्रधान सचिव, श्रम संसाधन विभाग के मिहिर कुमार सिंह ने बताया कि बिहार कौशल विकास मिशन, श्रम संसाधन विभाग, बिहार के नियंत्रणाधीन सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से इन प्रशिक्षणार्थियों की ट्रेनिंग प्रदेश में बेहतर मानव संसाधन की पूर्ति के उद्देश्य से करायेगा। इस प्रशिक्षण में पूर्व से जानकारी रखने वाले या कार्यरत प्लम्बर और इलेक्ट्रिशियन को भी आर पी एल योजना के तहत, प्रशिक्षित किया जायेगा। इस प्रशिक्षण में प्रशिक्षणार्थियों के विद्यमान कौशल का मूल्यांकन एवं मानक प्रशिक्षण मैन्यूल के अनुरूप कमियों को दूर करने के लिये ब्रिज प्रशिक्षण तथा योजना के अनुरूप व्यवहार करने का प्रशिक्षण दिया जायेगा एवं मूल्यांकन और प्रमाणन भी किया जायेगा।

प्रशिक्षण केवल हर घर नल का जल योजना के तहत पीएचईडी विभाग के आवश्यकताओं की प्रतिपूर्ति ही नहीं करेगा, बल्कि प्रतिभागियों को उपर्युक्त पाठ्यक्रमों में औपचारिक प्रशिक्षण एवं राष्ट्रीय स्तर के प्रमाणीकरण को सुनिश्चित करेगा। यह प्रशिक्षण सभी अनुमंडलों में स्थित सरकारी आईटीआई के माध्यम से स्थान/ प्रशिक्षणार्थी की उपलब्धता के आधार पर चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जायेगा। इसका स्वरूप दो पाठ्यक्रमों में होगा:- (i) प्लम्बर एवं (ii) इलेक्ट्रिशियन जो प्रांजल की आवश्यकता से सम्बद्ध हो। यह कोर्स/पाठ्यक्रम- 80 घंटा एवं एक मूल्यांकन दिवस का होगा, प्रशिक्षण अवधि 08 घंटा प्रतिदिन का होगा, जिसे कुल 11 दिनों में पूरा किया जायेगा।

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जीतेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि इस कार्यक्रम में लाभार्थियों के चयन की जिम्मेदारी प्रांजल की होगी, जो अपने आवश्यकता के अनुरूप प्रशिक्षण के लिए बैच के निर्माण में सहायता करेगा तथा प्रत्येक बैच को प्रशिक्षण से पूर्व मंजूरी देगा। बिहार कौशल विकास मिशन प्रति सफल अभ्यर्थी को एकमुश्त योजना लागत से कुल 1 हजार रुपये देय होगा, जिससे प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन हो सके। राज्य स्तर पर निदेशक, प्रांजल और बिहार कौशल विकास मिशन के पदाधिकारी मासिक रूप से क्रियान्वयन की प्रगति समीक्षा करेंगे और आईटीआई स्तर पर संचालित की जा रही गतिविधियों के सफलतापूर्वक संचालन में बाधाओं व चुनौतियों को दूर करेंगे।

कार्यक्रम के तहत 44 हजार अभ्यर्थियों के लिए चरणबद्ध तरीके से 11 दिनों का प्रशिक्षण आयोजित किया जायेगा, जिसमें लगभग 30 करोड़ रूपये व्यय होने की संभावना है।  योजना के तहत बिहार के युवा जो पूर्व से इस कार्य में लगे हैं, उनका कौशल विकास तो नि:शुल्क होगा एवम साथ ही उन्हें प्रशिक्षण के दौरान दिया जाने वाला दैनिक भत्ता और प्रमाणीकरण उन्हें सबल बनाएगा। प्रशिक्षण के उपरांत उन्हें स्थानीय स्तर रोजगार की प्राप्ति परिवार की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाएगा एवम ग्राम पंचायत और प्रखंड स्तर पर कुशल कारीगरों की उपलब्धता भी सामुदायिक स्तर पर योजना के सफल क्रियान्वयन को मजबूती देगा।

उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के द्वारा जो प्रशिक्षण कराया जाता था और आमदनी निजी क्षेत्रों को जाती थी। अब आपसी समन्वय से यह सरकारी संस्थानों (आई टी आई) को ही मिलेगा, जिससे होने वाले आय का उपयोग सरकारी संस्थान के विकास के लिए किया जाना भी एक बेहतर कदम है। धन्यवाद ज्ञापन अलोक कुमार, विशेष सचिव, श्रम संसाधन विभाग द्वारा किया गया।

मौके पर, श्रमायुक्त-सह-निदेशक, नियोजन एवं प्रशिक्षण, सुश्री रंजिता, विशेष सचिव, अलोक कुमार, बिहार कौशल विकास मिशन के कार्यक्रम समन्वय–सह दीघा आईटीआई के प्राचार्य, राकेश रंजन एवं निदेशक प्रांजल, मो. सादुल्लाह जावेद के साथ संयुक्त सचिव, राय संजीव सहाय उपस्थित थे।