वाराणसी

जिनके हिय में सियाराम बसे…..


श्रीसंकटमोचन मंदिर में श्रीरामविवाह पंचमी के पावन अवसर पर सोमवार को दो दिवसीय भजन सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। काशी के ख्यात भजन गायकों ने अपने सुरों से श्रीराम एवं बजरंग बली के चरणों मे स्वरांजली अर्पित की। बनारस घराने के पण्डित गणेश प्रसाद मिश्र ने सबसे पहले पवन तनय संतन हितकारी से भजन संध्या का शुभारंभ किया। ततपश्चात हृदय विराजत अवध बिहारी, जिनके हिय में सियराम बसे, तिन ओर के नाम लिए न लिए सांवरिया मन भायो रे, द्वारे नंद के नाद बजाया है, भोला दर्शन को आया है आदि भजनों से भक्तो को रससिक्त कर दिया। उनके साथ अनीस मिश्र सारंगी पर, तबले पर सिद्धान्त मिश्र, शुभम बाँसुरी पर, साइड रिदम पर संजय श्रीवास्तव ने संगत की। सह गायन में शुभ-स्वराज मिश्र रहे। सम्मेलन की दूसरी प्रस्तुति डॉक्टर विजय कपूर के भजन की रही। उन्होंने विवाह पंचमी के अवसर पर मिथिला के पारंपरिक बधाई एवं सोहर गीतों से उपस्थित एवं ऑनलाइन जुड़े श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने राजा जनक जी के द्वार में अलबेला रघुबर आया जी, बिटिया त परदेशे जाई विद्यापति जी की रचना उतरब पार कवन विधि ना आदि भजनों से सभी को भावुक कर दिया। उनके साथ तबले पर बलराम मिश्र, बाँसुरी पर शानीष कुमार, किबोर्ड पर रामश्रे ने संगत की। इसके अलावा कोमल एवं वैष्णवी तथा कीर्ति मौर्य ने भी भजन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर महंत प्रोफेसर विश्वम्भरनाथ मिश्र ने सभी कलाकारों को आशीर्वाद स्वरूप प्रसाद दिया। संचालन हरिराम द्विवेदी एवं सौरभ चक्रवर्ती ने संचालन किया।