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जैविक खेती अपनाने से PM मोदी के किसानों की आय को दोगुना करने के सपने को पूरा किया जा सकता है: योगी


लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां राज भवन में तीन दिवसीय प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2021 का शुभारम्भ किया। यह प्रदर्शनी 06 से 08 फरवरी, 2021 तक आयोजित की गयी है।
मुख्यमंत्री ने राजभवन में इस प्रदर्शनी के आयोजन के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जैविक खेती में अपार सम्भावनाएं मौजूद हैं। इसे बढ़ावा देना वर्तमान समय की मांग है। जैविक खेती अपनाने से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के किसानों की आय को दोगुना करने के सपने को पूरा किया जा सकता है। केन्द्र एवं राज्य सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। किसानों को डेढ़ गुना एम0एस0पी0 दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 04 वर्ष पूर्व जब वे अपने कार्यकाल की प्रथम प्रदर्शनी में राज भवन आए थे, तब किसानों, पुष्प उत्पादकों इत्यादि ने उस समय की आवश्यकताओं के अनुसार अच्छा प्रदर्शन किया था। 04 वर्ष के दौरान अब आवश्यकताओं के साथ-साथ प्राथमिकताएं भी बदली हैं। आज की प्रदर्शनी में पारम्परिक फल, सब्जी, पुष्प फसलों के प्रदर्शन के अलावा जैविक फल, सब्जी, पुष्प का भी प्रदर्शन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने बढ़ाने में कृषि की लागत कम करते हुए उत्पादन में बढ़ोत्तरी तथा कृषि विविधीकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है। इससे किसानों की आय तेजी से बढे़गी। उन्होंने कहा कि जनपद झांसी की एक छात्रा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की खेती को बढ़ावा दे रही है। गत माह वहां स्ट्रॉबेरी महोत्सव आयोजित किया गया। बुन्देलखण्ड की धरती पर स्ट्रॉबेरी महोत्सव का आयोजन देश व प्रदेश के लिए नया सन्देश है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बुन्देलखण्ड में स्ट्रॉबेरी की सफलतापूर्वक खेती के लिए झांसी की इसी छात्रा कु0 गुरलीन चावला के प्रयासों की सराहना की है। एक अन्य किसान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उसने डेढ़ एकड़ क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की फसल उगाई, जिसमें उसकी लागत 06 लाख रुपए आयी, जबकि फसल 40 लाख रुपए में बिकी। इस प्रकार विविधीकरण के माध्यम से उस किसान को 34 लाख रुपए की आय हुई। किसान इस प्रकार के नए प्रयोगों और कृषि विविधीकरण से अपनी आय में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी कर सकते हैं। उन्होंने ड्रैगन फ्रूट और ब्लैक राइस उगाने वाले किसानों का भी उल्लेख किया। ब्लैक राइस उगाने वाले किसानों को उनकी उपज का मूल्य 700 रुपए प्रति किलो मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसान बेहद मेहनती हैं। उन्होंने कोरोना काल के दौरान भी मेहनत में कोई कमी नहीं की। किसानों की मेहनत से आज देश और प्रदेश में अनाज का प्रचुर भण्डार मौजूद है। प्रधानमंत्री जी के ‘आत्म निर्भर भारत’ अभियान में किसान अपना भरपूर योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान प्रदेश में 119 चीनी मिलों का संचालन किया गया। गन्ना किसानों की मेहनत से आज भारत प्रचुर मात्रा मंे चीनी का निर्यात कर रहा है। इसमें उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों का भी बड़ा योगदान है।
इस अवसर पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा एक स्मारिका का विमोचन किया गया। उन्होंने प्रदर्शनी में लगाए गए फल, शाकभाजी एवं पुष्प स्टॉलों का अवलोकन भी किया।
कार्यक्रम के दौरान उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राम चौहान, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता, अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मनोज सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारीगण एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि बागवानी फसलों की विविधता को एक स्थान पर जनसाधारण को दिखाए जाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष यह प्रदर्शनी आयोजित की जाती है। यह प्रदर्शनी उत्तर भारत की सबसे पुरानी, समृद्ध एवं अनूठी प्रदर्शनी है।