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जो बाइडन का परमाणु हथियार संख्या सीमित रखने को वार्ता प्रस्ताव, यूक्रेन युद्ध के बीच हुई पहल पर रूस ने जताई हैरानी


मास्को, । यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का परमाणु हथियारों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए रूस से वार्ता की पेशकश ने मास्को को हैरान कर दिया है। समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार रूस ने कहा कि अगर व्हाइट हाउस की वेबसाइट हैक नहीं हुई है तो बाइडन अपनी बात को कूटनीतिक माध्यम से दोबारा कहें जिससे उस पर विचार हो सके। 

परमाणु हथियारों की संख्या सीमित करने के लिए रूस और अमेरिका के बीच 2011 में न्यू स्टार्ट ट्रीटी हुई थी। यह समझौता 2026 में खत्म हो रहा है। इसके बाद दोनों महाशक्तियां परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ाने के लिए स्वतंत्र होंगी। इस समय रूस के पास 6,000 से ज्यादा परमाणु हथियार हैं जबकि अमेरिका पास परमाणु हथियारों की संख्या करीब 5,500 है। चीन अपना परमाणु हथियार भंडार तेजी से बढ़ा रहा है लेकिन उसके पास अभी 500 से कम परमाणु हथियार हैं। लेकिन बाइडन ने चीन से भी वार्ता में शामिल होने का अनुरोध किया है। लेकिन पूर्व में हुए इस तरह के अनुरोधों को चीन नकारता रहा है। कहता है कि उसके पास इतने परमाणु हथियार नहीं हैं जिनके लिए दुनिया को चिंता करने की जरूरत हो। इसलिए उसका परमाणु हथियारों की संख्या सीमित करने के समझौते में शामिल होना बेमानी है।

न्यू स्टार्ट ट्रीटी में दोनों महाशक्तियों के बीच जमीन और पानी के भीतर पनडुब्बियों पर इंटरकांटिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइलों की तैनाती और परमाणु हमला करने में सक्षम बमवर्षक विमानों की संख्या सीमित करने पर भी समझौता हुआ था।

परमाणु युद्ध हुआ तो कोई नहीं जीतेगा : पुतिन

समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि अगर परमाणु युद्ध छिड़ा तो उसमें किसी की भी जीत नहीं होगी। इसलिए वह कभी नहीं शुरू होना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के परमाणु हथियारों की संख्या नियंत्रित किए जाने का समझौता बढ़ाए जाने के बयान के बाद पुतिन की यह प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पुतिन ने कहा, हमें दुनिया की सुरक्षा के लिए मिलकर खड़े होने की जरूरत है जिससे इसका अस्तित्व बना रहे। टकराव के पैदा होने वाले खतरों को टालना होगा।