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झारखंड में यहां बनेगा फोर लेन, चुनाव से पहले गडकरी का बड़ा एलान


नई दिल्‍ली/रांची। झारखंड में आधुनिक संरचनाओं के निर्माण के साथ ही विकास को गति देने के मकसद से केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

 

यहां किया जाएगा फोर लेन का निर्माण

वर्चुअली इसकी आधारशिला रखते हुए गडकरी ने कहा कि जिन परियाजनाओं की आधारशिला रखी गई उनमें तुपुदाना से कुंडीबारटोली खंड (खूंटी बाईपास सहित) के बीच फोर लेन सड़क का निर्माण सहित बेरो से खूंटी खंड का चौड़ीकरण और उन्नयन शामिल है।

उच्‍च गुणवत्ता वाली सड़कों से फायदे ही फायदे 

बेरो से खूंटी सेक्‍शन के निर्माण से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि इसके आसपास के क्षेत्रों में का विकास होगा। उन्‍होंने कहा कि खूंटी बाईपास के बनने से स्‍थानीय उत्‍पादें अब बाजार में आसानी से पहुंच सकेंगी। इससे इलाके का सामाजिक और आर्थिक विकास होगा।

इतना ही नहीं, इससे ईंधन और वक्‍त की भी बचत होगी, प्रदूषण घटेगा। आधुनिक और उच्च गुणवत्ता वाली सड़कें आसान और सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करेंगी।

झारखंड में विकास को दी जाएगी गति

गडकरी ने आगे कहा, नई सड़कों के निर्माण से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। नए उद्योगों का विकास होगा। उन्‍होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में झारखंड में राष्‍ट्रीय राजमार्गों का निर्माण करने के साथ हम राज्‍य को विकास के रास्‍ते ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

बीते 10 मार्च, रविवार को गडकरी ने कर्नाटक के मैसूर में 268 किलोमीटर लंबी और 4,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 22 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

इसके तहत विशेष रूप से, हुलियार-केबी क्रॉस-चुंचनहल्ली-नेल्लीगेरे रोड जैसी पहल का मकसद मैसूरु और उत्तरी कर्नाटक के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाना है। सर्विस रोड और आरयूबीएस के साथ मैसूरु रिंग रोड शहर में भीड़ को कम करने के साथ ही निर्बाध यातायात की सुविधा प्रदान करेगा।

पुल और आरओबी से यातायात में सुविधा

हंगरहल्ली और होलेनरासीपुर बाईपास पर आरओबी के बनने के साथ ही बेलूर-हसन और येडेगौड़ानहल्ली-बिलिकेरे सड़क के फोरलेन विस्तार से सफर में अब लगभग दो घंटे का समय कम लगेगा।

इसी के साथ लक्ष्मणतीर्थ नदी पर एक पुल का निर्माण कराया जाएगा। इससे हुनसूर शहर को भीड़ कम करने में मदद मिलेगी।

इसके अलावा, श्रीनिवासपुरा और चिंतामणि बाईपास के विकास से दोनों शहरों में भीड़भाड़ में कमी लाई जाएगी। बड़े और छोटे पुलों के साथ-साथ रेलवे-स्तरीय क्रॉसिंगों पर रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) बनाने का मकसद आवाजाही को सुविधाजनक बनाना है।