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तरुण तेजपाल को बरी करने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची गोवा सरकार


  • पणजी,। तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल को 2013 यौन उत्पीड़न मामले में गोवा की सेशन कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ गोवा सरकार ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। तहलका मैग्जीन के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल को मापुसा स्थित गोवा की सेशन कोर्ट ने 21 मई को बरी कर दिया था।

साल 2013 में तहलका मैग्जीन की एक महिला कर्मचारी द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। महिला का कहना था कि तरुण तेजपाल ने 7 नवंबर को पांच सितारा होटल में एक कार्यक्रम के दौरान लिफ्ट के अंदर उसका यौन शोषण किया। इसके बाद तरुण को 30 नवंबर, 2013 को गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन 1 जुलाई 2014 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी।

गोवा क्राइम ब्रांच को सौंपी गई जांच

इस मामले की जांच कर रही गोवा क्राइम ब्रांच ने तरुण तेजपाल के खिलाफ 2,846 पन्नों की चार्जशीट फरवरी 2014 में दाखिल की। तेजपाल पर आईपीसी की धारा 341, 342,354, 354A, 354B, 376 (2)(f), 376(2)(k) के तहत मुकदमा चलाया गया।

मार्च 2018 में शुरू हुए मुकदमे में अभियोजन पक्ष ने पीड़िता और उसके सहयोगियों के बयानों की मदद ली, जिनसे पीड़िता ने घटना का खुलासा किया था। उन्होंने कुछ इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जैसे ई-मेल और व्हाट्सएप संदेश भी दिखाए। पूरे मुकदमे को बंद कमरे में आयोजित किया गया, जिसके दौरान अभियोजन पक्ष के 71 गवाहों और बचाव पक्ष के पांच गवाहों से पूछताछ की गई। तमाम दलीलें सुनने के बाद तरुण तेजपाल को सेशन कोर्ट केी जज क्षमा जोशी ने सभी आरोपों से बरी कर दिया।

सेशन कोर्ट के फैसले पर गोवा सरकार ने नाराजगी जताते हुए कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील दायर करेगी। गोवा के महाधिवक्ता देवीदास पंगम ने पुष्टि की कि अपील मंगलवार को दायर की गई है और इस पर दो सप्ताह के भीतर सुनवाई होने की संभावना है। वहीं, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा था कि उनकी सरकार तेजपाल को बरी किए जाने के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर करेगी क्योंकि उन्हें विश्वास है कि तेजपाल के खिलाफ सबूत हैं।