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तालिबान पर अमेरिका के बाद IMF का चाबुक, अरबों के फंड पर लगाया पहरा


  1. बंदूक के बल पर लगभग दो दशकों बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) पर काबिज होने वाले तालिबान के लिए चंद देशों को छोड़ दें तो अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना आसान नहीं है. भले ही वह लाख अपने को बदलने की बात करे, लेकिन उसकी क्रूरता की आती तस्वीरों ने वैश्विक समुदाय के मन में अविश्वास की बड़ी खाई खोद दी है. यह वजह है कि अशरफ गनी के काल में जो अंतरराष्ट्रीय मदद अफगानिस्तान को मिल रही थी, उस पर भी प्रतिबंध लगने शुरू हो गए हैं. सबसे पहले तो अमेरिका (America) के जो बाइडन प्रशासन ने 706 अरब रुपये की संपत्ति फ्रीज कर दी. इसके बाद अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी आपातकालीन रिजर्व के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. इसके तहत तालिबान 46 करोड़ डॉलर की भारी-भरकम धनराशि का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा.

आईएमएफ से किसी तरह की मदद पर रोक
एएनआई समाचार एजेंसी के मुताबिक तालिबान राज वाला अफगानिस्तान अब आईएमएफ के संसाधनों का उपयोग नहीं कर पाएगा. इसके साथ ही उसे किसी तरह की नई मदद भी नहीं मिलेगी. आईएमएफ ने 460 मिलियन अमेरीकी डॉलर यानी 46 करोड़ डॉलर के आपातकालीन रिजर्व तक अफगानिस्तान की पहुंच को ब्लॉक करने की घोषणा कर दी है. आईएमएफ का कहना है कि देश पर तालिबान के नियंत्रण ने अफगानिस्तान के भविष्य के लिए अनिश्चितता पैदा कर दी है. ऐसे में आपातकालीन रिजर्व तक उसकी पहुंच को रोकना लाजिमी हो गया था.