काबुल, : अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था को तालिबान (Taliban) ने दुरुस्त करने का निर्णय किया है। इसके लिए सरकार अब आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करेगी। साथ ही देश में अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश बढ़ाने पर भी काम किया जाएगा। कार्यकारी वाणिज्य मंत्री हाजी नूरुद्दीन अजीजी (Haji Nooruddin Azizi) ने यह बात कही है। उन्होंने बताया कि वह देश में राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता कार्यक्रम शुरू करेंगे, सभी सरकारी प्रशासनों को घरेलू उत्पादों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इसके अलावा सरकार मस्जिदों के माध्यम से लोगों को घरेलू उत्पादों के समर्थन के लिए प्रोत्साहित करने का भीप्रयास करेगी।
विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने का लक्ष्य
हाजी ने कहा कि देश में आत्मनिर्भरता के लिए जो लोग भी उनकी मदद करेंगे, सरकार उनका समर्थन करेगी। उनकी रणनीति का एक अन्य हिस्सा व्यापार और विदेशी निवेश को बढ़ावा देना भी है। उन्होंने बताया कि जो लोग विदेशों से अफगानिस्तान में वस्तुओं का आयात कर रहे थे, वे उनसे अब अफगानिस्तान में निवेश का अवसर देने के लिए कह रहे हैं और वे विदेशों से आयात करने के बजाय यहां निवेश करना चाहते हैं।
रूस और चीन जैसे मुल्क करना चाहते हैं निवेश
मंत्री ने कहा कि ईरान, रूस और चीन जैसे देश भी अफगानिस्तान में व्यापार और निवेश में रुचि रखते हैं। इस पर उन देशों से बात हो रही है। जिन परियोजनाओं पर चर्चा चल रही है, उनमें रूस और ईरान की भागीदारी के साथ चीनी औद्योगिक पार्क और थर्मल पावर प्लांट शामिल हैं। बात दें कि इसी महीने, अफगानिस्तान में चीनी कारोबारियों के एक होटल पर हमला हुआ था, जिसमें कई विदेशियों को बुरी तरह से चोट पहुंची थी। इस हमले के बाद निवेशक सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इस पर अजीजी ने कहा कि अधिकारी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं। सरकार की पूरी कोशिश है कि कारोबारियों को नुकसान न हो। अब तक हमले से कोई फर्क नहीं पड़ा है लेकिन अगर यह लगातार होता है, तो इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
खनन में रुचि दिखा रहे हैं निवेशक
अजीजी ने कहा कि विदेशी निवेशक अफगानिस्तान के खनन क्षेत्र में रुचि दिखा रहे हैं, जिसकी कीमत 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक आंकी गई है। पश्चिमी हेरात में एक लोहे की खदान और मध्य घोर प्रांत में एक सीसे की खदान की नीलामी में 40 कंपनियों ने हिस्सा लिया था और इसके परिणाम जल्द ही घोषित किए जाएंगे।
रूस के साथ समझौता
मंत्री ने आगे बताया कि गैस, तेल और गेहूं की आपूर्ति के लिए सितंबर में रूस के साथ एक बड़े अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को महिलाओं की पढ़ाई व काम करने पर रोक लगाने के लिए दुनियाभर में आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। वहीं, आतंकवाद को लेकर अफगानिस्तान पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं।





