Latest News नयी दिल्ली राष्ट्रीय

तीन महीने बाद ही रिटायर होने वाले थे हिसार निवासी डीएसपी सुरेंद्र मांझू, खनन माफिया ने मार डाला


आदमपुर। हिसार के गांव सारंगपुर निवासी डीएसपी सुरेंद्र मांजू बिश्‍नोई को खनन माफियाओं ने डंपर से रौंद दिया। तावडू मेवात में हुई इस वारदात को लेकर हरियाणा में चर्चा बनी हुई है। अवैध खनन होने की सूचना पर रेड करने गए डीएसपी सुरेंद्र मांजू पर ही हमला कर दिया। खनन माफियाओं की इस तरह की हिमाकत से कानून व्‍यवस्‍था पर भी सवाल उठ खड़े हुए हैं।

डीएसपी सुरेंद्र बिश्‍नोई कुरुक्षेत्र में रहते थे और हिसार के सारंगपुर गांव के निवासी थे। उनकी अंत्‍येष्टि भी उनके पतृक गांव में की जाएगी। उनकी मौत की खबर सुनकर उनके गांव व आस पास के क्षेत्रों में मातम पसर गया है।डीएसपी सुरेंद्र मांजू के दो बच्चे हैं एक बेटी बंगलुरु में बैंक में ऑफिसर है और बेटा कनाडा में पढ़ाई कर रहा है।

छोटे भाई अशोक को ऑपरेटिव बैंक में ऑफिसर हैं। उन्होंने बताया कि आज सुबह 8:00 बजे ही बड़े भाई से फोन पर हुई थी बातचीत और बोला था जल्दी घर आऊंगा 3 महीने बाद ही रिटायरमेंट थी। डीएसपी सुरेंद्र बिश्‍नोई समेत कुल 8 भाई थे। जिनमें दो का पहले ही स्वर्गवास हो चुका है। मृतक सुरेंद्र तीसरे थे। सभी भाई अलग-अलग  सरकारी विभागों में कार्यरत थे।

सुरेंद्र मांझू पहले वीएलडीए पशु पालन विभाग में कार्यरत थे। आदमपुर वेटनरी अस्पताल में नियुक्‍त थे। 1993 में उन्‍होंने पुलिस विभाग ज्‍वाइन कर लिया। सुरेंद्र मांझू काफी मिलनसार थे और सोशल मीडिया ग्रुप से भी जुड़े रहते थे। उनके मित्र कृष्ण लाल काकड़ निवासी गांव आदमपुर, पूर्व मार्केट कमेटी सचिव ने बताया कि उनसे जब भी मुलाकात होती थी लगता ही नहीं था कि वे इतने बड़े पद पर नियुक्‍त हैं।

सुरेंद्र बिश्‍नोई को सूचना मिली थी कि नूहं जिले के पचगांव से सटी अरावली पहाड़ी में अवैध खनन का काम चल रहा है। टीम के साथ वे वहां पहुंचे थे। उन्‍हें देखते ही वहां काम कर रहे लोग भागने लगे। इसी दौरान खनन से भरा एक डंपर चालक भी भागने लगा। सुरेंद्र बिश्‍नोई ने उसे रोकने की कोशिश की तो डंपर चालक ने उन्‍हें टायर के नीचे रौंद दिया और घटनास्‍थल से भाग गया।