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धनतेरस पर बसपा प्रमुख मायावती बोलीं-कीमती तोहफे नहीं, चुनावी खर्चों के लिए सीधे दें पैसे


लखनऊ, : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने शनिवार को लखनऊ में पार्टी के उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों के साथ बैठक की।

लखनऊ में बसपा के प्रदेश मुख्यालय में मायावती ने निकाय चुनाव तैयारियों व सदस्यता अभियान की समीक्षा के साथ ही सभी को स्पष्ट निर्देश भी दिया। मायावती ने उनके जन्मदिन यानी जनकल्याणकारी दिवस पर उपहार के स्थान पर पार्टी चलाने के लिए आर्थिक सहयोग देने का निर्देश भी जारी किया है।

बसपा को आर्थिक मदद की जरूरत

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने लखनऊ में पार्टी के प्रदेश के पदाधिकारियों के समक्ष स्पष्ट कर दिया कि आने वाले चुनाव के लिए बसपा को आर्थिक मदद की जरूरत है। पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में जिले से लेकर प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में बड़ी संख्या में नेता तथा कार्यकर्ता पधारे थे। इस दौरान सभी ने उनके निर्देश को भली भांति सुना।

जन्मदिन जनकल्याणकारी दिवस

बसपा मुखिया मायावती ने स्पष्ट तौर पर कहा कि 15 जनवरी को उनके जन्मदिन को जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने इस अवसर पर गरीबों की मदद करने का निर्देश देने के साथ ही कहा कि इस शुभ अवसर पर उनको महंगे तोहफे या उपहार देने पर पाबंदी जारी रहेगी। इस दौरान पार्टी तथा मूवमेंट को ध्यान में रखते हुए हमेशा की तरह ही सीधा तौर पर आर्थिक सहयोग देता बेहतर होगा, ताकि इससे चुनाव में खर्च आदि की भरपाई की जा सके।

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बसपा के सदस्यता अभियान में पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली है। आज की बैठक में सदस्यता अभियान को लेकर मायावती ने खुशी नहीं जाहिर की। अभियान को लक्ष्य के मुताबिक सफलता नहीं मिली है। सदस्यता के लिए पार्टी ने 200 रुपये सदस्यता शुल्क भी रखा है।

लखनऊ में आज धनतेरस पर प्रदेश के करीब हजार पदाधिकारी मायावती के साथ बैठक में थे। पार्टी प्रमुख ने इस बैठक में समीक्षा की, पार्टी निकाय चुनाव में बसपा कहां मजबूत है। इसके साथ पार्टी किस तरीके से और आगे की रणनीति के साथ निकाय चुनाव में उतर सकती है।

 

माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले होने जा रहे नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी अबकी पूरे दमखम के साथ उतरेगी। विधानसभा चुनाव 2022 मे बेहद निराशाजनक प्रदर्शन के बाद मायावती की कोशिश है कि निकाय चुनाव में बेहतर नतीजे आएं ताकि बसपा के पक्ष में माहौल बने। पदाधिकारियों को दलितों के साथ ही खासतौर से मुस्लिम मतदाताओं में पैठ बनाने के बारे में बताएंगी। शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली और इमरान मसूद के पार्टी के साथ आने के बाद बसपा प्रमुख की कोशिश है कि मुस्लिम समाज को समझाया जाए कि सपा नहीं बल्कि बसपा ही भाजपा से मुकाबला कर सकती है।

माल एवेन्यू में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में मायावती नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियों और सदस्यता अभियान की समीक्षा की। इस बीच उन्होंने पार्टी संगठन में फेरबदल भी किया है। लखनऊ मंडल को तीन हिस्से में बांटते हुए कई पदाधिकारियों को नए सिरे से दायित्व सौंपा है। बसपा मुखिया मायावती ने करीब तीन माह बाद शनिवार को पार्टी के जिले से लेकर प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक की।