पटना

तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए स्वास्थ्यकर्मी किये जा रहे ट्रेंड


      • दिल्ली एनएचएसआरसी के ट्रेनर देंगे आशा और एएनएम को प्रशिक्षण
      • 90 हजार आशा कार्यकर्ता और एएनएस प्रशिक्षित किये जायेंगे

(आज समाचार सेवा)

पटना। बच्चों को कोरोना संक्रमण से मुक्त करने के लिए यूनिसेफ के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने दी। उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को सुरक्षित रखने और उनके बचाव को लेकर विभाग ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की आज से स्टेट लेबल ट्रेनिंग शुरू की गयी है। ट्रेनिंग दिल्ली एनएचएस आरसी के ट्रेनरों द्वारा दी जा रही है। हर जिले में इस ट्रेनिंग के लिए अलग-अलग तिथियां और वक्त का निर्धारण किया गया है।

उन्होंने बताया कि तीसरी लहर में कोविड-१९ का बच्चों पर संभावित दुष्प्रभाव को देखते हुए हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा राज्य भर में करीब ९० हजार आशा कार्यकर्ता और एनएनएम को प्रशिक्षित किया जाना है। प्रशिक्षण ऑनलाइन होगा। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य फ्रंट लाइन वर्कर्स के बीच सामुदायिक स्तर पर कोविड-१९ के प्रबंधन की समझ विकसित करना है। इसके अलावा तय अग्रिम पंक्ति के इन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को खतरे के संकेतों को समझने और बीमार बच्चों को उपयुक्त समय पर रेफर करने से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाना है। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में जिला कार्यक्रम प्रबंधक, योजना समन्वयक, सामुदायिक प्रबंधक, ब्लॉक स्वास्थ्य प्रबंधक, समुदाय प्रेरक, आशा कार्यकर्ता, आशा फैसिलेटर्स, एएनएम और आरबीएसके की टीमें लगेंगी।

हेल्थ मिनिस्टर ने बताया कि प्रशिक्षण में ट्रेनर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को अपने-अपने इलाकों में पैनी निगाह रखने, अभिभावकों को बच्चों को बचचों की सुरक्षा पर जागरूक करने, घर में होम क्वेंटेंटाइन किये जाने और गंभीर हालात होने पर रेफर किये जाने आदि पर जरूरी मार्गदर्शन उपलब्ध करायेंगे। इन अभिभावकों को बच्चों में कोविड-१९ के लक्षण और वक्त रहते उचित कदम उठाने को लेकर भी मार्गदर्शन दिया जायेगा। यह सभी तैयारी राज्य में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आहट से पहले पूरी कर ली जायेगी, ताकि बिहार में स्थिति को समय रहते ही संभाला जा सके।