गुजरात हाई कोर्ट से भी सवाल
शीर्ष न्यायालय ने मामले में गुजरात हाई कोर्ट द्वारा जमानत के लिए 6 हफ्ते का लंबा समय देने पर भी नाराजगी जताई। न्यायालय ने कहा कि क्या हाई कोर्ट में ऐसा ही होता है, क्या हमेशा ऐसे ही लंबी तारीखें दी जाती हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को यह बताने को कहा कि क्या इससे पहले भी किसी महिला को इस तरह के आरोपों में इतनी देर तक जेल में रखा गया हो।
25 जून से जेल में है तीस्ता
बता दें कि 2002 के गुजरात दंगों के मामले में गलत सबूतों से राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य उच्च प्रशासकीय लोगों को फंसाने के आरोप में तीस्ता को 25 जून को गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट से पीएम मोदी को क्लीन चिट मिलने के बाद तीस्ता पर केस चलाया जा रहा है।
हाई कोर्ट में डाली थी जमानत याचिका
तीस्ता ने अपनी गिरफ्तारी के बाद सत्र अदालत में जमानत अर्जी डाली थी, जिसके खारिज होने पर उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट का रुख किया था। हाई कोर्ट ने इसके बाद जमानत याचिका को छह सप्ताह बाद 19 सितंबर को लगाने का आदेश दिया था। जमानत की लंबी तारीख मिलने के बाद तीस्ता ने शीर्ष न्यायालय में याचिका दाखिल कर अंतरिम जमानत मांगी थी।