कोलकाता। दो साल के अंतराल के बाद बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), आज 21 जुलाई को अपनी सबसे बड़ी वार्षिक शहीद दिवस रैली का इस बार बड़े स्तर पर आयोजन करने जा रही है। इसके लिए कोलकाता के धर्मतल्ला में विक्टोरिया हाउस के सामने सभा मंच सजकर पूरी तरह तैयार है। पार्टी ने इस कार्यक्रम के लिए काफी पहले से पूरी तैयारियां की है। इस रैली में शामिल होने के लिए राज्यभर से बड़ी संख्या में तृणमूल समर्थक कोलकाता पहुंचे हैं और अभी भी उनके पहुंचने का सिलसिला जारी है। ट्रेनों व बसों से भर-भर कर कार्यकर्ता पहुंच रहे हैं और पूरा कोलकाता इस समय तृणमूल के रंग में रंग गया है। सड़कें पार्टी के झंडों से पटी पड़ी हैं। यह पार्टी का सबसे बड़ा कार्यक्रम है और दो साल बाद होने जा रही इस रैली में लाखों की भीड़ जुटा कर तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी विरोधियों को अपना राजनीतिक संदेश देना चाहती हैं। सभी को अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाषण का इंतजार है, जब गुरुवार दोपहर में सभा मंच से वह हुंकार भरेंगी।
माना जा रहा है कि कोरोना के बाद आयोजित इस रैली से ममता आगामी 2024 लोकसभा चुनाव के लिए हुंकार भरेंगी। इसी रैली में वे कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कर सकती हैं। ममता इस मंच से 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ अगले साल राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए भी पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को संदेश दे सकती हैं। इधर, रैली से एक दिन पहले बुधवार शाम में ममता ने धर्मतल्ला में सभास्थल का भी दौरा किया था और तैयारियों का जायजा लिया। इससे पहले ममता ने अपना वीडियो संदेश भी जारी किया। इसमें उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को शहीद दिवस के मौके पर कोलकाता पहुंचने का आह्वान किया।
10 लाख से अधिक की भीड़ जुटने का अनुमान
टीएमसी नेताओं के मुताबिक इस रैली में इस बार 10 लाख से अधिक लोगों के जुटने का अनुमान है। इधर, रैली के मद्देनजर पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। सभास्थल से लेकर कोलकाता में विभिन्न जगहों पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने और भीड़ को संभालने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस की तैनात रहेगी। गौरतलब है कि बीते तीन जुलाई को एक व्यक्ति को मुख्यमंत्री के कालीघाट आवास में घुसने के आरोप में पकड़ा गया था। इसलिए सभा मंच पर भी सुरक्षा के बेहद पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं।
शहीद दिवस रैली के जरिए ममता करती रही हैं शक्ति प्रदर्शन
गौरतलब है कि 21 जुलाई, 1993 को ममता बनर्जी के नेतृत्व में राइटर्स अभियान के दौरान पुलिस की गोली से युवा कांग्रेस के 13 कार्यकर्ताओं की जानें चली गई थीं। उस दौरान ममता युवा कांग्रेस की अध्यक्ष थीं। ममता हर साल 21 जुलाई को मारे गए उन कार्यकर्ताओं की याद में शहीद दिवस का पालन करती हैं। इसमें लाखों की भीड़ जुटाकर ममता बनर्जी शक्ति प्रदर्शन करती रही हैं और विरोधियों को संदेश देती हैं।
शहीद दिवस के मंच पर भाजपा के कई नेता- कार्यकर्ता तृणमूल में हो सकते हैं शामिल
दूसरी तरफ खबर है कि शहीद दिवस के मंच पर भाजपा के कई नेता-कार्यकर्ता तृणमूल का झंडा थाम सकते हैं। पहले भाजपा की राज्यसभा सदस्या रूपा गांगुली के भी तृणमूल में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं लेकिन रूपा ने खुद साफ कर दिया कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है। हाल में भाजपा छोड़कर तृणमूल में लौटने वाले सांसद अर्जुन सिंह के बेटे पवन सिंह भी पिता की राह पर चल सकते हैं। पवन भाजपा विधायक हैं। तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कुछ दिन पहले कहा भी है कि शहीद दिवस के मंच में ‘चमकÓ देखने को मिलेगी।
रैली स्थल पर लगाए गए हैं कई विशाल टीवी स्क्रीन
वहीं, रैली स्थल पर कई विशाल टीवी स्क्रीन भी लगाए गए हैं, ताकि समर्थक ममता बनर्जी को भाषण देते हुए लाइव देख और सुन सकें। इस बीच, रैली के मद्देनजर कोलकाता व हावड़ा के तमाम स्कूलों ने आज छुट्टी भी घोषित कर दी है, ताकि विद्यार्थियों को आने जाने में असुविधाओं का सामना ना करना पड़े।