पटना, । बिहार में सीबीआइ जांच को लेकर सरकारी की अनुमति लेने की चर्चा तेज हालांकि सीएम नीतीश कुमार ने इन चर्चाओं पर विराम दे दिया है। इस बीच प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से सीबीआइ की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। तेजस्वी यादव ने इसको लेकर बैक टू बैक ट्टीट किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि रेड के जरिए राजनीतिक मालिकों को खुश करने की कोशिश हो रही है।
‘बीजेपी नेताओं के यहां क्यों नहीं पड़ते छापे’
बिहार में पिछले दिनों लालू यादव के करीबियों के यहां छापेमारी के बाद लगातार सीबीआइ की कार्यप्रणाली को लेकर राजद द्वारा सवाल उठाया जा रहा है। तेजस्वी यादव ने बुधवार को एक बार फिर से ट्वीट कर सीबीआइ को निशाने पर लिया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि सीबीआइ की एक्शन केवल विपक्ष शासित राज्य वहां के नेताओं के खिलाफ देखने के मिलता है। रेड के जरिए राजनीतिक मालिकों को खुश करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने आगे लिखा है कि बीजेपी के करीब 300 से ऊपर सांसद 1000 से अधिक विधायकों पर इन एजेंसियों द्वारा आजतक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि बीते आठ से साल से केंद्रीय जांच एजेंसियों का राजनीतिक प्रतिशोध का उपकरण बना दिया गया है। तेजस्वी के मुताबिक इससे पहले जांच एजेंसी की कार्यप्रणाली को लेकर इस तरह के सवाल नहीं उठाए गए। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा है कि हमारा विरोध सीबीआइ से नहीं है बल्कि राजनीति से प्रेरित कार्यप्रणाली से है।
डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने आगे ट्वीट कर लिखा है कि सीबीआइ के अधिकारियों से हमारा कभी विरोध था ना है। वो सभी मिले आदेश का पालन कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जांच एजेंसी का जिस तरह से राजनीतिक उपयोग हो रहा है उसका विरोध करते रहेंगे। इससे पहले भी तेजस्वी यादव ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र की जांच एजेंसियों पर सवाल उठाए थे।