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दिल्ली एम्स के सर्वर हैकिंग के पीछे चीनी साजिश


पर्सनल डेटा और 5 सर्वर में लगी थी सेंध

दिल्ली एम्स सर्वर हैकिंग मामले में एक नया खुलासा हुआ है। हैकिंग की जांच कर रहे अधिकारियो ने चीन की ओर इशारा किया है। बताया गया है कि एम्स के 5 सर्वर हैक किए गए थे। IFSO के मुताबिक, हैकिंग के दौरान पर्सनल डेटा भी लीक हुआ है। ये डेटा डार्क वेब के मेन डोमेन पर भी होने की संभावना है। इससे भारत के VVIP सहित लाखों मरीजों के सीक्रेट डेटा लीक होने की आशंका बढ़ गई है। हालांकि, अधिकारी इस बात से इनकार कर रहे हैं कि किसी भी डेटा से समझौता किया गया है।ये इंटरनेट सर्चिंग का ही हिस्सा है, लेकिन इसे सामान्य रूप से सर्च इंजन पर नहीं ढूंढा जा सकता। इस तरह की साइट को खोलने के लिए स्पेशल ब्राउजर की जरूरत होती है, जिसे टॉर कहते हैं। डार्क वेब की साइट को टॉर एन्क्रिप्शन टूल की मदद से छुपा दिया जाता है। ऐसे में कोई यूजर्स इन तक गलत तरीके से पहुंचता है तो उसका डेटा चोरी होने का खतरा हो जाता हैसाइबर एक्सपर्ट्स के मुताबिक चीन के दो रैनसमवेयर ग्रुप- सम्राट ड्रैगनफ्लाई और ब्रॉन्ज स्टारलाइट इस हमले के पीछे हो सकते हैं। हालांकि, अभी इसकी पुष्टि की जा रही है। दूसरा संदेह लाइफ नाम के एक ग्रुप पर है, जिसे वानारेन नामक रैंसमवेयर का नया वर्जन माना जा रहा है। जांच से यह भी पता चलता है कि हो सकता है कि हैकर्स ने बिक्री के लिए डेटा को डार्क वेब पर डालना शुरू कर दिया हो, क्योंकि उनकी मांगें पूरी नहीं हुई थीं।पिछले मंगलवार को एम्स दिल्ली का सर्वर हैक करने वालों ने 200 करोड़ रुपए की डिमांड की थी। हैकर्स ने पेमेंट क्रिप्टोकरेंसी में करने को कहा था। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने किसी तरह की फिरौती मांगे जाने की बात से इनकार कर दिया था।