नयी दिल्ली (आससे)। केंद्र सरकार ने देश में डीटीएच सेवाएं प्रदान करने के लिये दिशानिर्देर्शों में संशोधन को मंजूरी दी है। अब डीटीएच लाइसेंस 20 वर्ष के लिये जारी होगा। आज यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि डीटीएच सेवाएं प्रदान करने के लिये दिशानिर्देशों में संशोधन को मंजूरी दी गयी है। उन्होंने बताया कि डीटीएच लाइसेंस 20 वर्ष के लिये जारी होगा। जावड़ेकर ने बताया कि डीटीएच क्षेत्र को शत प्रतिशत एफडीआई के दायरे में लाया गया है। पहले वाणिज्य मंत्रालय ने 100 फीसदी विदेशी निवेश को मंजूरी दी थी, लेकिन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के दिशानिर्देशों के कारण ये पूरी तरह लागू नहीं हो पा रहा था। आज के फैसले के बाद 100 फीसदी एफडीआई के निवेश का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने बताया कि लाइसेंस शुल्क तीन महीने में एक बार वसूला जायेगा। डीटीएच आपरेटरों के बीच बुनियादी ढांचों की साझेदारी भी की जा सकेगी।
एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के बारे में जानकारी देते हुये जावड़ेकर ने बताया कि फिल्स डिविजन, फिल्म समारोह निदेशालय, भारत के राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार और बाल फिल्म सोसाइटी, भारत को राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम के साथ विलय को मंजूरी दी गयी है। एक अन्य फैसले के बारे में जानकारी देते हुये जावड़ेकर ने बताया कि मंत्रिमंडल ने दिल्ली की अनियमित कालोनियों में रहने वालों को कानूनी संरक्षण देने से जुड़े अध्यादेश को भी हरी झंडी दिखा दी है। 31 दिसम्बर 2020 को इससे जुड़े कानून की मियाद खत्म हो रही है।