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किसानोंने वार्ताका प्रस्ताव फिर ठुकराया


दिल्लीमें पारा तीन डिग्रीसे नीचे, अन्नदाता अब भी सड़कपर
दिल्ली की तीन सीमाएं पूरी तरह बंद
यूपी गेटपर बढ़ा किसानोंका हुजूम

नयी दिल्ली (आससे)। किसानोंने सरकारके नये प्रस्तावको फिर ठुकरा दिया है। दिल्लीमें तापमान तीन डिग्रीसे नीचे होनेके बावजूद अन्नदाता सड़कोंपर जमे हुए है। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों ने अपना आंदोलन और तेज कर दिया है। किसान दिवस पर पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसानों द्वारा दिल्ली कूच के बाद राजधानी की तीन सीमाएं पूरी तरह बंद हो गयी है। किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-9 पर आवाजाही को पूरी तरह बंद कर दिया है। वहीं हरियाणा के किसानों ने 26 से 28 दिसम्बर तक राज्य के सभी प्लाजाओं को टोल फ्री करने की घोषणा की है। किसान दिवस के अवसर पर आज गाजीपुर बार्डर पर किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर हवन पूजन किया। यूपी गेट पर किसानों का हुजूम बढ़ता ही जा रहा है। आज किसान आंदोलन का 28वां दिन था। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है, लिहाजा किसानों ने भी आज चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि देते हुये अपने आंदोलन को तेज करने का संकल्प लिया। केंद्र सरकार की तरफ से किसानों को बातचीत के लिये दिये गये निमंत्रण पर किसान संगठनों की तरफ से अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। किसानों के क्रमिक अनशन का आज तीसरा दिन था। मालूम हो कि हर दिन 11 किसान 24 घंटे का उपवार रख रहे हैं। किसानों ने अपील की है कि प्रधानमंत्री के मन की बात के समय देशभर के किसान ताली और थाली बजायें। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैट भी आज यूपी गेट पहुंचे। टीएमसी के पांच सांसदों ने सिंघु बार्डर पहुंचकर धरने पर बैठे किसानों को अपना समर्थन दिया। यूपी गेट पर किसान आंदोलन में किसान दिवस के मौके पर एक दिन का खाना छोड़कर किसानों का समर्थन करने के लिये तराई किसान संगठन के अध्यक्ष तजिन्दर सिंह विर्क ने अपने खून से पत्र लिखकर लोगों से अपील की कि वे एक समय का खाना त्याग दें। वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण भारत के कई एनजीओ के प्रतिनिधियों के साथ कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज एक बैठक की। बैठक में प्रतिनिधियों ने कृषिमंत्री को केंद्र द्वारा बनाये गये कृषि कानूनों के समर्थन में 3 लाख 13 हजार 363 किसानों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र सौंपा।