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दिल्ली में हो सकता है ब्लैकआउट, NTPC ने आधी कर दी है बिजली की सप्लाई: सत्येंद्र जैन


  • कोयले की कमी के कारण देशभर में पैदा हुए बिजली संकट को लेकर दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में कोई कोल पावर प्लांट नहीं है। हम दूसरे राज्यों में स्थित कोयला संयंत्रों से बिजली खरीदते हैं। एनटीपीसी ने अपने सभी संयंत्रों की उत्पादन क्षमता को आधा कर दिया है। इसके दो कारण हो सकते हैं, पहला कोयले की कमी या दूसरा केंद्र ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा है।

जैन ने कहा कि एनटीपीसी से दिल्ली को लगभग 4000 मेगावाट बिजली मिलती थी, लेकिन आज की तारीख में उससे आधी बिजली भी नहीं मिल पा रही है, जो चिंतनीय है। पूरे देश में बिजली का संकट है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में ब्लैकआउट इस पर निर्भर करता है कि केंद्र सरकार बिजली देगी या नहीं। जब तक बिजली देते रहेंगे, ब्लैकआउट नहीं होगा, अभी केवल आधी बिजली दे रहे हैं। हम महंगी बिजली खरीदकर लोगों को दे रहे हैं। केंद्र ने देश के सभी प्लांट का उत्पादन एक साथ आधा कर दिया है।

दिल्ली के ऊर्जा मंत्री ने सोमवार को कहा था कि एनटीपीसी ने शहर को दी जाने वाली चार हजार मेगावाट बिजली की आपूर्ति को आधा कर दिया है, जिसके बाद दिल्ली सरकार महंगी गैस आधारित बिजली के साथ-साथ उच्च बाजार दर पर इसे खरीदने को मजबूर है। उन्होंने दावा किया कि नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) के अधिकतर संयंत्र 55 प्रतिशत क्षमता के साथ काम कर रहे हैं क्योंकि उनके पास केवल एक-दो दिन का कोयला बचा है। उन्होंने बताया कि दिल्ली अधिकतर बिजली एनटीपीसी से खरीदती है, लेकिन इसकी आपूर्ति आधी कर दी गई है।

जैन ने कहा कि एनटीपीसी हमें 4000 मेगावाट बिजली देती है, लेकिन इसने वर्तमान में यह मात्रा आधी कर दी है। इसके कारण हमें गैस के जरिए बिजली उत्पादन करना पड़ रहा है, जिसकी कीमत 17.25 रुपये प्रति यूनिट है। दिल्ली में गैस आधारित तीन संयंत्र हैं, जिनकी कुल क्षमता 1900 मेगावाट है।