Latest News नयी दिल्ली राष्ट्रीय

दिल्ली सरकार ने राजधानी में शराब की बिक्री पर खुदरा विक्रेताओं द्वारा दी गई छूट


नई दिल्ली, । शराब की बिक्री पर खुदरा विक्रेताओं द्वारा दी गई किसी भी छूट या रियायत पर रोक लगाने के अपने फैसले का दिल्ली सरकार ने सोमवार को एक बार फिर बचाव किया। न्यायमूर्ति की पीठ ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और राहुल मेहरा ने दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि सरकार तब तक कदम नहीं उठाएगी जब तक कि डीलर निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कारोबार नहीं करते हैं।

सिंघवी ने कहा कि छूट वाली योजनाएं दिल्ली और उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा और दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के बीच मध्यस्थता ला रही हैं। मेहरा ने कहा कि नई आबकारी व्यवस्था में दिल्ली में सबसे सस्ती शराब है और जब सरकार को पता चला कि शराब की तस्करी हो रही है तो उसने कदम बढ़ाया।वहीं, कई याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और साजन पूवैया ने दलील दी कि दिल्ली सरकार का आदेश संबंधित प्राधिकरण द्वारा बिना किसी अधिकार क्षेत्र के पारित किया गया है और यह विकृत व मनमाना है।

 

पूवैया ने दलील दी कि एक बार जब निविदा मांगी जाती है और लाइसेंस जारी कर दिया जाता है, तो अधिकारियों के लिए उस आबकारी वर्ष में टेंडर की शर्तों में कानून में बदलाव किए बगैर बदलाव करना संभव नहीं है।जब आयुक्त द्वारा कोई आदेश पारित किया जाता है, तो उस आदेश के गुणों के आधार पर इसका परीक्षण किया जाना चाहिए।

 

शराब लाइसेंस धारकों ने याचिका दायर करके कहा कि शराब नीति और निविदा स्पष्ट रूप से खुदरा लाइसेंसधारियों को रियायत देने की अनुमति देती है। इसके बावजूद भी दिल्ली सरकार ने बगैर उनका पक्ष सुने 28 फरवरी को एक आदेश पारित कर देने पर रोक लगा दी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि आदेश कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों के इशारे पर पारित किया गया है।समाप्तविनीतसात मार्च