Latest News नयी दिल्ली

दुनिया के बड़े संकटों से जूझने तैयार हुआ छत्तीसगढ़, मंत्री सिंहदेव ने का ‘रेस टू जीरो’ को समर्थन


रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग ने UNFCCC के वैश्विक रेस टू जीरो अभियान (Global Race to Zero Campaign) को नये लक्ष्य के रूप में स्वीकार किया है। इस अभियान के तहत नए लक्ष्य निर्धारित कर प्रदेशवासियों को निरोगी जीवन के लिए काम किया जा रहा है। इस अभियान के तहत 2050 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव इस संबंध में कहा कि जलवायु परिवर्तन आज हमारी धरती के सामने खड़े सबसे बड़े संकटों (crises) में से एक है। जलवायु (Climate) में हो रहे हानिकारक बदलाव (Harmful change) के खतरे से निपटने के लिए एक योजना की रूपरेखा (Plan outline) बनाना आवश्यक है। इस क्षेत्र में नेतृत्व दिखाना स्वास्थ्य विभाग का कर्तव्य है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भारत का पहला राज्य है, जिसने स्वास्थ्य क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के विपरीत योजना निर्धारित कर रहा है। ‘रेस टू जीरो’ अभियान के अनुसार कार्बन उत्सर्जन को जीरो तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

गौरतलब है कि विश्वभर में कार्बन उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन एक बड़ी चुनौती है। ‘रेस टू जीरो’ एक प्रतिष्ठित यूनाइटेड नेशन क्रॉस-सेक्टोरल ग्लोबल अभियान (United Nation Cross-sectoral Global Campaign) इस चुनौती का विकल्प बनकर सामने आया है। इस वैश्विक अभियान (Global campaign) के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन में आवश्यक कमी लाने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। वैश्विक कार्बन कटौती लक्ष्यों (Global carbon reduction goals) को पूरा करने के लिए जरूरी है। नई पीढ़ियों के लिए बेहतर वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल (Revolutionary initiative) है।

इस अभियान का लक्ष्य जलवायु परिवर्तन से भविष्य में होने वाले संकटों को समय रहते रोकने, नौकरियों के अवसर जुटाने का काम किया जा रहा है। ये अभियान शहरों, क्षेत्रों, व्यवसायों, निवेशकों और विश्वविद्यालयों के संयोजन से शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए समर्थन जुटाया जा रहा है।

ज्ञात हो कि सीओपी 26 की अगुवाई में 2050 तक शून्य उत्सर्जन पर विचार करने के लिए एक वैश्विक चर्चा निर्धारित है। इसमें चीन (China) ने 2060 तक कार्बन न्यूट्रल बनाने की अपनी योजनाओं की घोषणा की। अमेरिका (America) और यूरोपीय संघ (The European Union) ने 2050 तक शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने की अपनी महत्वकांक्षा के संकेत दिए हैं।