बगहा (प.च.)। कोरोना माहमारी ने कई लोगों के अरमानों पर पानी फेर दिया है तो कई लोग इस माहमारी में भी जान जोखिम में डाल कर अपने अरमान पूरा कर लेते हैं। लेकिन, बेतिया के बिट्टू व बगहा की अंशु ने कोरोना माहमारी से अपने व अपने परिवारवालों के साथ-साथ रिश्तेदारों को बचाने के लिए अपने अरमानों की आहुति दे दी।
दरअसल बगहा के रत्नमाला वार्ड 31 निवासी मंटू राउत एवं सुखमीना देवी की सुपुत्र कुमारी अंशु की शादी बेतिया के तीनलालटेन निवासी हरेंद्र किशोर राउत और गीता देवी के सुपुत्र विकास कुमार उर्फ बिट्टू से तय हुई थी। 23 अप्रैल को बेतिया से रत्नमाला शादी के लिए बारात आनी थी। सब कुछ तय था, लेकिन कोविड के बढ़ते प्रकोप और सरकार के दिशा निर्देश के आलोक में वधु पक्ष और वर पक्ष की सहमति से बारात लाना स्थगित कर दिया गया।
इसके बाद लड़की व लड़के पक्ष ने अपने शुभचिंतकों, रिश्तेदारों को एक मैसेज भेजा। जिसमें दोनों पक्षों ने कहा कि कोविड को देखते हुए बेटी के विवाह में हमारे घर बारात नहीं आएगी, अब बेटी का विवाह कराने हम खुद लड़का पक्ष के पास जा रहे हैं। आपको हुई असुविधा के लिए हमें क्षमा करेंगे। दुल्हन अंशु अपने माता-पिता व परिवार के साथ अपने ससुराल बेतिया पहुंची जहां दुर्गा मंदिर स्थित विवाह भवन से सादे समारोह में वर वधु का विवाह सम्पन्न हुआ।
इस बाबत स्थानीय वार्ड 31 की वार्ड आयुक्त तबस्सुम जहां, वार्ड आयुक्त प्रतिनिधि सह जदयू नगर अध्यक्ष मो गयासुद्दीन, वधु पक्ष से सुनील कुमार ‘राउत’ आदि ने कहा कि कोविड को लेकर सरकार के दिशा निर्देश के अनुपालन के आलोक में यह साहसिक एवं स्वागतयोग्य निर्णय लिया गया। यह समाज में मिसाल के साथ-साथ अन्य लोगों के लिए एक उदाहरण है।
लड़की के परिवारवालों ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के कारण आपसी सहमति से ये निर्णय लिया गया ताकि स्थानीय जनता, आगंतुक एवं दोनों पक्ष को सहूलियत हो। बहरहाल कोरोना संकट के इस दौर में एक ऐसी भी शादी हुई जो ना सिर्फ कोरोना काल की भयावहता को दर्शाता है बल्कि उन तमाम लोगो के लिए एक सबक भी हैं जो सरकार के दिशा निर्देशों का पालन नहीं कर रहें हैं।