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दूसरी तिमाही में चीन की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका, दुनिया पर गहराया आर्थिक मंदी का खतरा


नई दिल्ली, । वर्ष की दूसरी छमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि की दर तेजी से नीचे आई है। करों में बेतहाशा वृद्धि और कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते सख्त लॉकडाउन से चीन में आर्थिक गतिविधियों में भारी कमी आई है। शुक्रवार के जारी आंकड़े वैश्विक मंदी की आशंका को और बढ़ा रहे हैं। बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए सरकारें ब्याज दरें बढ़ाती जा रही हैं, लेकिन इससे उपभोक्ताओं और व्यवसायों को अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। उधर यूक्रेन युद्ध के चलते सप्लाई चेन को बनाए रखने की चुनौतियां पहले से मुंह बाए खड़ी हैं।

रायटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को जारी चीनी अर्थव्यवस्था के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में मामूली वृद्धि हुई है। एक साल पहले की तुलना में इसमें 0.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए यह एक बेहद निराश करने वाला आंकड़ा है। इससे पहले रायटर्स ने चीन के जीडीपी आंकड़ों में 1 फीसद बढ़ोतरी का पूर्वानुमान लगाया था।

खराब दौर में चीन की अर्थव्यवस्था

टोक्यो में दाई-इची लाइफ रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रमुख अर्थशास्त्रीटोरू निशिहामा ने कहा, “चीन की अर्थव्यवस्था ढहने के कगार पर खड़ी है। मुद्रास्फीति से उपजी हुई मंदी मई-जून में सबसे खराब स्थिति में देखी गई है। इसमें लगातार दो तिमाहियों के दौरान संकुचन देखा गया है। संभावना है कि चीन की सरकार इसके सुधार के लिए आर्थिक प्रोत्साहन उपायों को लागू करें। लेकिन ब्याज में कटौती की आशंकाएं जस की तस बनी हुई हैं।”