हरदीप सिंह पुरी ने अपने बयान में कहा कि पिछले 24 महीनों में सऊदी सीपी प्राइस (भारत का गैस आयात करने का बेंचमार्क) में 303 फीसदी की बढ़त हुई है। इसी अवधि के दौरान भारत में एलपीजी (दिल्ली) की कीमत में इसका दसवां हिस्से से भी कम यानी केवल 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
दुनिया में बढ़ रहे गैस के दाम
पुरी ने आगे कहा कि जुलाई 2021 से अगस्त 2022 में वैश्विक स्तर पर दुनिया के हर क्षेत्र में गैस के दामों में बड़ा इजाफा देखने को मिला है। दुनिया के अन्य गैस के बेंचमार्क जैसे यूएसए के हेनरी हब में 140 फीसदी, यूके के जेकेएम में 257 फीसदी और एनबीपी में 281 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन भारत में सीएनजी और पीेएनजी के दामों में 71 फीसदी का इजाफा हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक ऊर्जा संकट का सामना करने अभूतपूर्व लचीलापन दिखाया है और वैश्विक कच्चे तेल और गैस की कीमतों की अस्थिरता को कम करने के लिए कई उपाय किये हैं, जिसके कारण हम भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने में सक्षम रहे हैं।
सरकार घटा चुकी है एक्साइज ड्यूटी
बीते एक साल में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती हुई कीमत के कारण सरकार ने दो बार एक्साइज ड्यूटी को घटाया है। पेट्रोलियम और नेचुरल गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि सरकार नवंबर 2021 और मई 2022 में पेट्रोल पर कुल 13 रुपये लीटर और डीजल पर कुल 16 रुपये लीटर एक्साइज ड्यूटी घटाई थी।