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दूसरे राज्यों में सीमेंट ढुलाई दरों का अध्ययन कर रही सरकार,


शिमला,। हिमाचल सरकार अब अंबुजा व एसीसी सीमेंट प्रबंधन और ट्रक आपरेटर के मध्य ढुलाई विवाद को खत्म करने में जुट गई है। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने सीमेंट कंपनी प्रबंधन व ट्रक आपरेटर यूनियनों के साथ 20 जनवरी को शिमला में बैठक बुलाई है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विवाद सुलझाने के लिए उद्योग मंत्री को अधिकृत किया था। इस संबंध में उद्योग विभाग के प्रधान सचिव आरडी नजीम ने ट्रक आपरेटर से बात की है। उन्होंने साफ किया कि सरकार ट्रक आपरेटर के हितों के साथ अनदेखी नहीं होने देगी। प्रदेश में एक माह से अधिक समय से सीमेंट ढुलाई की दरों को लेकर विवाद जारी है।

सरकार को भी 50 करोड़ के राजस्व का नुकसान

इससे अंबुजा के दाड़लाघाट व एसीसी के बरमाणा सीमेंट संयंत्र में उत्पादन ठप है। हजारों ट्रक सड़क किनारे खड़े हैं। सरकार को भी 50 करोड़ के राजस्व का नुकसान हो चुका है। पिछले वीरवार को भी शिमला में दोनों पक्षों के साथ बैठक हुई थी, जिसमें कंपनी प्रबंधन ने हिमकान के तय भाड़े को लेकर असहमति जताई थी। हिमकान ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें मालभाड़ा 10.78 रुपये प्रति किलोमीटर प्रति टन के हिसाब से तय किया गया है।

दूसरे राज्यों में सीमेंट ढुलाई दरों का अध्ययन कर रही सरकार

विवाद सुलझाने के लिए सरकार पड़ोसी राज्यों से ढुलाई की दरों को निर्धारित करने में जुटी है। इसमें जम्मू-कश्मीर की ढुलाई दरों का अध्ययन किया जा रहा है। यानी राज्य सरकार देख रही है कि दूसरे पहाड़ी राज्यों में मालभाड़े के साथ सीमेंट की दरें क्या है और प्रदेश में कितनी है।